लखनऊ: तेजी से बदल रहे दौर में महिलाएं समुद्र की गहराइयों से अंतरिक्ष की ऊचाइयों तक सफलता की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं। महिलाएं संकल्प कर लें तो वह हर कार्य कर सकती हैं, उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। यह बातें प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने आज महिला किसान/महिला दैनिक मजदूर- पलायन विषय पर आयोजित क्षेत्रीय संगोष्ठी में कही।
दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बक्शी का तालाब, लखनऊ में राष्ट्रीय महिला आयोग एवं संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर श्रीमती मौर्य ने कहा कि महिलाओं के बिना दुनिया की संरचना ही संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। ग्रामीण महिलाएं इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर इसका लाभ अवश्य उठाएं, जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त व स्वावलंबी बन सकें।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार ‘‘सशक्त महिला-सशक्त राष्ट्र’’ की संकल्पना पर कार्य कर रही है। जब हमारी ग्रामीण महिलाएं सशक्त होंगी तो हमारा राष्ट्र भी सशक्त होगा। उन्होंने संगोष्ठी में आई महिला किसानों तथा महिला दैनिक मजदूरों से कहा कि आज दुनिया में मोटे अनाजों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाजों का उत्पादन करें। उन्होंने महिलाओं को गोवंश के पालन की सलाह देते हुए कहा कि गोवंश के दूध, गोबर तथा गोमूत्र से कई उत्पाद तैयार किये जा सकते हैं, जिससे महिलाओं की आर्थिक उन्नति होगी। उन्होंने महिला किसानों को अपनी फसल का बीमा कराने तथा किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकरण कराने की भी सलाह दी।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि/सदस्य सचिव, राष्ट्रीय महिला आयोग सुश्री मीनाक्षी नेगी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके कल्याण की सशक्त संस्था है। आयोग द्वारा पूरे देश में महिलाओं की समस्याओं को दूर करने तथा उनको सशक्त बनाने के लिए विभिन्न संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन संगोष्ठियों से ग्रामीण महिला किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा।
संस्थान के अपर निदेशक श्री बी0डी0 चौधरी ने बताया कि आज आयोजित क्षेत्रीय संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के आठ जनपदों सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव, लखनऊ के महिला कृषक समूह व महिला दैनिक मजदूर, पंचायतीराज संस्था की महिला प्रतिनिधि तथा जनपद गोरखपुर, वाराणसी, झांसी एवं आगरा की प्रगतिशील महिला किसानों के साथ महिला समूह के लिए ग्रामीण आजीविका से संबंधित विशिष्ट संगठन सहित लगभग 250 महिला प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य महिला किसानों/महिला दैनिक मजदूरों को कृषि विविधीकरण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध स्वरोजगार के अवसरों को चिन्हित कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर स्वावलंबी बनाना है। श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है।
संगोष्ठी में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा महिला किसानों तथा महिला दैनिक मजदूरों की पात्रता एवं उनके अधिकारों में आने वाली कठिनाइयां, महिला किसानों के लिए कृषि विविधीकरण से संबंधित अनुकरणीय कार्य, कृषि व्यवसाय में वृद्धि के लिए महिला किसानों हेतु सहयोगी वातावरण तथा उत्तरदायी जेंडर बजटिंग एवं इसके क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग भारत सरकार के कार्यक्रम समन्वयक सर्वेश पाण्डेय द्वारा संस्थागत ढ़ाँचे के विषय मे व कार्यक्रम की अवधारणा एवं उद्देश्यों को विश्लेषणात्मक रूप से परिभाषित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में संस्थान के सहायक निदेशक डा0 एस0के0 सिंह, नोड़ल ऑफिसर कुमार दीपक, उप निदेशक डा0 सुरेश सिंह, उप निदेशक डा0 नीरजा गुप्ता तथा सीनियर कम्प्यूटर ऑपरेटर मो0 शाहरूख का महत्वपूर्ण योगदान रहा।