लखनऊ: नाबार्ड के 34 वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक ने उत्तर प्रदेश में कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने और अन्य विकासात्मक पहलों के लिए नाबार्ड द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की.
माननीय राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, किसान क्लब और किसान प्रोड्यूसर्स संगठन के माध्यम से महिलाओं और किसानों के सशक्तिकरण से संबंधित पहलों का विशेष रूप से उल्लेख किया. उन्होने नाबार्ड से राज्य में मत्सय , पर्यटन विकास पर विशेष जोड़ देने का निदेश दिया । साथ ही जैविक कचड़ा प्रबंधन हेतु विशेष योजनाओं को संचालित करने का आह्वान किया ।
माननीय राज्यपाल और अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए श्री ए के पंडा ,मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ,उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने कहा कि इस विशेष अवसर पर राज्य के प्रथम नागरिक की मेजबानी हमारा सौभाग्य है. श्री पांडा ने नाबार्ड की प्रमुख उपलब्धियों के साथ ही बैंक की अग्रणी पहलों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा विभिन्न उपायों के जरिए 12,770 करोड़ रुपये की राशि का योगदान राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किया गया है.
श्री पंडा ने माननीय राज्यपाल को सूचित किया कि इस अवसर पर एक विशेष पहल के रूप में उत्तर प्रदेश के 60 जिलों में वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें पी एम जे डी वाई,पी एम एस बी वाई, पी एम जे जे बी वाई और अटल पेंशन योजना पर विशेष ध्यान दिया गया है.
माननीय राज्यपाल द्वारा राज्य में नाबार्ड की पहल / उपलब्धियों पर किसान क्लब की सफलता की कहानियों, गैर कृषि क्षेत्र के महिला स्वयं सहायता समूह और वित्तीय समावेशन के चार प्रकाशन जारी किए गए .
डिजिटल भारत अभियान की एक पहल के रूप में नाबार्ड ने प्रायोगिक आधार पर राज्य के विभिन्न जिलों में किसान क्लब के डिजिटलीकरण का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान डांवर गांव ,बिरदा ,ललितपुर के एक आदिवासी किसान,श्री कल्याण सहरिया, बाराबंकी के प्रगतिशील मधुमख्खी पालक, श्री राम , स्वयं सहायता समूह की सदस्य ,नूरजहाँ और दो बैंक सखियों;मिथिलेश कुमारी और सीमा को सम्मानित किया गया.
इससे पहले नाबार्ड की हरित पहल के चिह्न के रूप में माननीय राज्यपाल ने रूद्राक्ष का एक पौधा रोपित किया.
माननीय राज्यपाल और विशिष्ट अतिथियों ने रामपुर, रायबरेली, वाराणसी,सीतापुर, ललितपुर और बाराबंकी से चयनित संगठनों के वित्तीय समावेशन के तहत बैंक सखी और रुपे केसीसी कार्ड, जनजातीय विकास के तहत बकरी बैंक, नवोन्मेष उत्पादों के तहत पंजीकृत गांव सौर ऊर्जा समाधान और भौगोलिक संकेतक, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह और किसान उत्पादकों से संबंधित स्टालों का अवलोकन किया.
बागवानी विकास के माध्यम से आदिवासियों के सामाजिक आर्थिक उत्थान की प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बिरदा ब्लॉक, ललितपुर के आदिवासी समूह द्वारा एक लोक गीत प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम में राज्य सरकार के अधिकारीगण , भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, सिडबी, एसएलबीसी, निदेशक बर्ड, प्राचार्य नाबार्ड स्टाफ कॉलेज,वाणिज्यिक बैंकों के वरिष्ठ बैंकर, सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी बैंक और उत्तर प्रदेश भूमि विकास बैंक के अधिकारियों सहित सामुदायिक प्रतिनिधियों और नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के स्टाफ ने भाग लिया.