लखनऊ: केन्द्र सरकार के एक दल द्वारा 8 से 10 अप्रैल, 2015 के बीच प्रदेश के अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से अत्यधिक प्रभावित जनपदों में स्थलीय निरीक्षण कर कृषि क्षति का आकलन किया जाएगा। इस कार्य को त्वरित गति से पूरा करने के उद्देश्य से केन्द्रीय दल की तीन टीमें बनाई गई हैं। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी।
प्रवक्ता ने बताया कि इन तीन टीमों में से प्रथम टीम द्वारा बुन्देलखण्ड के झांसी एवं चित्रकूट मण्डल के सर्वाधिक प्रभावित जनपदों-जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा तथा झांसी, द्वितीय टीम द्वारा बरेली एवं मुरादाबाद मण्डल के सर्वाधिक प्रभावित जनपदों-शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली एवं सम्भल तथा तृतीय टीम द्वारा लखनऊ एवं कानपुर मण्डल में ओलावृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित जनपदों-उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा तथा कन्नौज में स्थलीय सर्वेक्षण करते हुए कृषि क्षतियों का आकलन किया जाएगा। इसके अलावा, केन्द्रीय दल द्वारा जनपद मथुरा तथा आगरा में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुई कृषि क्षति का आकलन करने हेतु किसी अन्य तिथि में स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि फरवरी/मार्च, 2015 में चक्रवाती तूफान के कारण हुई अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रदेश के कई जनपदों में कृषि फसलों को हुई अत्यधिक क्षति के प्रारम्भिक अनुमान के आधार पर लगभग एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की क्षति का उल्लेख करते हुए शासन के पत्र दिनांक 15 मार्च, 2015 द्वारा भारत सरकार से क्षति का स्थलीय निरीक्षण करने हेतु केन्द्रीय दल भेजे जाने का अनुरोध किया गया था।
भारत सरकार को प्रेषित पत्र द्वारा ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान किए जाने हेतु 500 करोड़ रुपए की धनराशि राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से स्वीकृत किए जाने का भी अनुरोध किया गया था। जनपदों में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुई कृषि क्षति की प्राप्त सूचना के आधार पर दिनांक 25 मार्च, 2015 को कुल 31 जनपदों से प्राप्त कृषि क्षतियों को सम्मिलित करते हुए धनराशि 744.28 करोड़ रुपए का ओलावृष्टि मेमोरेण्डम भारत सरकार को भेजा जा चुका है।
प्रवक्ता ने बताया कि अब तक (07 अप्रैल, 2015 तक) अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित 32 जनपदों को राज्य आपदा मोचक निधि से 301.41 करोड़ रुपए की धनराशि किसानों को तत्काल राहत प्रदान किए जाने हेतु स्वीकृत कर आवंटित की गई है।
भारत सरकार को मेमोरेण्डम भेजने के बाद भी विभिन्न तिथियों में कई जनपदों में ओलावृष्टि से कृषि फसलों को अत्यधिक क्षति हुई है। इन जनपदों से कृषि क्षति सम्बन्धी सूचना प्राप्त कर पूरक मेमोरेण्डम भारत सरकार को प्रेषित किया जा रहा है। ये जनपद हैं-बरेली, शाहजहांपुर, बलिया, गोरखपुर, एटा, मथुरा, कुशीनगर, बुलन्दशहर एवं सम्भल।
भारत सरकार को प्रेषित ओलावृष्टि मेमोरेण्डम के क्रम में ही श्री आशीष कुमार भूटानी संयुक्त सचिव, कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा प्रदेश में अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से हुई कृषि क्षतियों के स्थलीय सर्वेक्षण हेतु केन्द्रीय दल का गठन किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्रीय दल के स्थलीय भ्रमण के पूर्व मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन के साथ दिनांक 08 अपै्रल, 2015 को आरम्भिक बैठक तथा स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त दिनांक 10 अप्रैल, 2015 को रैप-अप बैठक भी की जाएगी।