लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहाँ अपने सरकारी निवास पर आयोजित कार्यक्रम में गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट परियोजना का शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद गोमती नदी पुनर्जीवित होकर एक नये स्वरूप में सामने आयेगी और आने वाली पीढ़ी को गोमती एक स्वच्छ, सुन्दर एवं सतत प्रवाहित नदी के रूप में मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट परियोजना प्रदेश के सिंचाई विभाग की परियोजना है, जिसके तहत लखनऊ शहर के अन्दर हार्डिंग ब्रिज से लेकर जनेश्वर मिश्र पार्क तक गोमती के लगभग 30 किमी0 लम्बे भाग की सफाई, चैनलाइजेशन एवं रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट किया जायेगा। गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट में हरियाली और अवध की सांस्कृतिक विरासत का विशेष ध्यान रखा जायेगा तथा पार्क, साइकिल और तांगा ट्रैक विकसित किये जायेंगे।
गोमती पर विश्वस्तरीय रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट की उम्मीद जताते हुए श्री यादव ने कहा कि इसके लिए 656 करोड़ रु0 का बजट स्वीकृत किया जा चुका है। इस परियोजना के लिए धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि नदियाँ जीवनदायिनी होती है। आने वाली पीढ़ी को बेहतर पर्यावरण एवं जीवन स्थितियां सौंपने के लिए हमें अपने नदियों का खयाल रखना पड़ेगा। इसके लिए सरकार के प्रयास के साथ-साथ जनता का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के कार्यकाल में फतेहपुर जनपद में ससुर खदेरी नदी को पनर्जीवित किया गया है। झांसी में लखेरी और लखीमपुर में भी एक नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती में प्रदूषण को लेकर लगातार चिन्ता जताई जाती रही है किन्तु नदी को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में कभी कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। जानकार बताते हैं कि गोमती का शानदार इतिहास रहा है। स्थानीय तौर पर व्यापार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता था। लखनऊ की सभी पुरानी हेरिटेज इमारतों का फ्रण्ट गोमती तट की ओर ही है, जिससे गोमती के आवागमन के साधन के रूप में इस्तेमाल होने का आभास होता है।
श्री यादव ने कहा कि लखनऊ शहर गोमती तट पर बसा सम्भवतः सबसे बड़ा शहर है। गोमती जब शहर में प्रवेश करती हंै तब उनका पानी स्वच्छ दिखायी देता है किन्तु जब शहर से बाहर निकलती है, तो पानी काफी प्रदूषित हो जाता है। इसका कारण गोमती में गिरने वाले नाले हैं। गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट परियोजना की डिजाइन में इस बात का ध्यान रखना होगा कि गोमती के अन्दर एक भी नाला न गिरने पाये। ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि गोमती का रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट सबसे बेहतर हो।
लखनऊ मेट्रो रेल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, सीजी0 सिटी, लखनऊ हाट, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, किसान बाजार, कैंसर एवं हृदय रोग के अस्पताल, पुलिस भवन आदि का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत तीन सालों में प्रदेश के विकास के साथ-साथ लखनऊ के विकास के लिए जितनी परियोजनाएं समाजवादी सरकार ने चलायी है उतनी परियोजनाएं किसी अन्य सरकार नहीं चलायी।
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट परियोजना को तय समय में पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग ने तीस साल से लम्बित सरयू नहर परियोजना, बाण सागर परियोजना तथा जनपद सोनभद्र की कनहर परियोजना को पूरा करने का काम किया है। जहाँ पहले पानी टेल तक नहीं पहुँच पाता था, वहीं समाजवादी सरकार ने खेत तक पानी पहुँचाने का काम किया है।
मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि गोमती रिवरफ्रण्ट डेवलपमेंट परियोजना पूरी होने के बाद पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र साबित होगी। नियमित समीक्षा एवं अनुश्रवण से परियोजना को समय से पूरा कराया जायेगा। कार्यक्रम को प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल एवं परियोजना की कार्यदायी संस्था गैमन इण्डिया के अध्यक्ष श्री अभिजीत राजन ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन सिंचाई विभाग के सचिव श्री एम0 पी0 अग्रवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्री अहमद हसन, श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री अम्बिका चैधरी, श्री महबूब अली, श्री शिव कुमार बेरिया, श्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप, सहित राज्य सरकार के अनेक मंत्री, सांसद श्री किरणमाॅय नन्दा एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सूचना
श्री नवनीत सहगल सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।