लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को अब तक 243.36 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की जा चुकी है। यह धनराशि विभिन्न जनपदों के 6 लाख 92 हजार किसानों को दी गई है। साथ ही, मुख्य सचिव ने समस्त बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को ओलावृष्टि/अतिवृष्टि सम्बन्धी दैवीय आपदा के मद्देनजर री-शिड्यूल किए जाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत वितरण किए जाने हेतु अब तक प्रदेश के 44 जनपदों को 1087 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दैवीय आपदा से पीडि़त परिवारों/व्यक्तियों को 2 करोड़ 20 लाख रुपए की सहायता राशि भी वितरित की जा चुकी है। राज्य सरकार द्वारा क्षति की व्यापकता तथा जनपदों को दी गई धनराशि और वित्तीय स्थिति का उल्लेख करते हुए 01 हजार करोड़ रुपए की धनराशि अग्रिम रूप से स्वीकृत किए जाने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि प्रभावित जनपदों के भ्रमण के बाद केन्द्रीय दल के द्वारा अवगत कराया गया कि कृषि की अत्यधिक क्षति हुई है। भारत सरकार के नए मानक तथा दरों के आधार पर सर्वे कर मेमोरेण्डम प्रेषित किए जाने का अनुरोध मुख्य सचिव से किया गया। इस दल के द्वारा स्थलीय भ्रमण के समय राज्य सरकार द्वारा कृषकों को तात्कालिक सहायता के रूप में वितरित किए जा रहे कृषि निवेश अनुदान से सम्बन्ध में भी किसानों से मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त किया गया। केन्द्रीय दल के सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा तात्कालिक रूप से वितरित की जा रही सहायता और इस सम्बन्ध में त्वरित रूप से की गई कार्यवाही की सराहना भी की।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पूर्व मानक दर (50 प्रतिशत से अधिक) के अनुसार प्रदेश के 44 जनपदों में लगभग 1100 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। भारत सरकार के नवीनतम आदेश में कृषि फसलों की क्षति के मानक (33 प्रतिशत क्षति) एवं दरों में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार कृषि फसलों को हुई क्षति का विवरण जनपदों से प्राप्त किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा किए गए मानक एवं दरों में संशोधन के अनुरूप कार्यवाही कर सम्बन्धित सूचना उपलब्ध कराए जाने के निर्देश सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। निर्धारित नवीनतम मानक/दरों के अनुसार कृषि फसलों की क्षति लगभग 2500 करोड़ रुपए से अधिक की अनुमानित है।