लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित जनपदों के किसानों के मध्य राज्य सरकार द्वारा अब तक 354 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। यह वितरण 8 लाख 60 हजार किसानों को किया गया है।
भारत सरकार के नवीनतम मानक के अनुसार 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति के आधार पर 44 जनपदों के अतिरिक्त 11 अन्य जनपदों में क्षति की सूचना प्राप्त हुई है। इस प्रकार प्रभावित जनपदों की संख्या 55 हो गई है। राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि को उत्तर प्रदेश में आपदा घोषित किए जाने का निर्णय लिया जा चुका है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व में निर्धारित मानक के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक कृषि क्षति 44 जनपदों-महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, पीलीभीत, बांदा, कन्नौज, मिर्जापुर, इलाहाबाद, सहारनपुर, बदायूं, आजमगढ़, सोनभद्र, उन्नाव, आगरा, कानपुर नगर, अमेठी, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, झांसी, ललितपुर, औरैया, मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, कानपुर देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा, कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर, बलिया, गोरखपुर, सम्भल, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस एवं शामली में हुई है। इसी प्रकार 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति के आधार पर इन 44 जनपदों के अतिरिक्त 11 अन्य जनपदों-मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, कौशाम्बी, बहराइच, बाराबंकी, सुलतानपुर, बागपत, लखनऊ, अमरोहा तथा गाजीपुर में क्षति हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को इस आपदा के दृष्टिगत री-शिड्यूल किए जाने के समस्त बैंकांे के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। प्रदेश में रबी फसल की व्यापक क्षति तथा किसानों को तत्काल वितरण हेतु राज्य सरकार द्वारा त्वरित प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से 1000 करोड़ रुपए की धनराशि अग्रिम रूप से स्वीकृत किए जाने के लिए अनुरोध किया जा चुका है। ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत वितरण किए जाने हेतु 1087 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जा चुकी है।
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलाधिकारी ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान किए जाने की कार्यवाही करें तथा वितरण में पूर्ण पारदर्शिता व सावधानी बरती जाए। यदि किसानों को राहत वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता पाई जाएगी, तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कृषि क्षति के सापेक्ष प्रत्येक किसान को न्यूनतम 1,500 रुपए की धनराशि प्रदान की जाए। प्रभावित किसानों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने तथा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।