लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने साइकिल यात्रा के माध्यम से पूरे देश में भाइचारा बनाए रखने, बेटियों को बचाने, नशे से दूर रहने, शहीदों का सम्मान करने तथा पर्यावरण की रक्षा करने के लिए ‘संवेदना जागृति अभियान’ चलाने वाले श्री हीरालाल यादव को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। उन्होंने श्री हीरालाल यादव के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि समाज की भलाई के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों को पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री से आज यहां उनके सरकारी आवास पर जनपद गोरखपुर के गोला थाना अन्तर्गत ग्राम सीधारी के मूल निवासी 58 वर्षीय श्री हीरालाल यादव ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें अभियान के लिए बधाई देते हुए कहा कि इससे समाज में भाइचारा कायम रखने तथा बालिका भ्रूण हत्या रोकने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में और अधिक सघनता से आगे भी जारी रखने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री हीरालाल जिन उद्देश्यों को लेकर संघर्ष कर रहे हंै, राज्य सरकार उन क्षेत्रों में पहले ही गम्भीरता से काम कर रही है। यदि इस कार्य में श्री हीरालाल यादव जैसे लोगों का सहयोग मिलता है, तो इससे राज्य सरकार के प्रयासों को और अधिक गति मिलेगी। उन्होंने श्री हीरालाल को एक पौधा भी भेंट किया। इस मौके पर श्री हीरालाल ने वर्तमान राज्य सरकार द्वारा लखनऊ नगर सहित अन्य बड़े शहरों में साइकिल के लिए अलग से बनाए जा रहे ट्रैक की सराहना करते हुए कहा कि इसका विस्तार क्रमशः राज्य सरकार की अन्य सड़कों के साथ भी किया जाना चाहिए। इसके लिए श्री हीरालाल ने मुख्यमंत्री की आधुनिक सोच की प्रशंसा करते हुए कहा कि अलग से साइकिल ट्रैक के निर्माण से लोग पर्यावरण के प्रति और अधिक संवेदनशील बनेंगे और सस्ती एवं स्वास्थ्य के लिए उपयोगी सवारी के लिए लोगों में रूझान भी बढ़ेगा।
ज्ञातव्य है कि श्री हीरालाल यादव ने 5 फरवरी, 2015 से जम्मू से कन्याकुमारी तक ‘संवेदना जागृति अभियान’ की शुरुआत साइकिल यात्रा के माध्यम से प्रारम्भ की है। उनकी यह यात्रा अगस्त, 2015 तक चलेगी। श्री हीरालाल यादव की इस प्रकार की यह 15वीं यात्रा है। सन् 1997 में आजादी की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर साइकिल यात्रा की शुरुआत करने वाले श्री हीरालाल यादव थाईलैण्ड, लाओस, वियतनाम एवं कम्बोडिया की यात्रा भी कर चुके हैं। बिना साइकिल की सीट के खड़े होकर लगातार 18 वर्षों से साइकिल चलाने का कारनामा कर दिखाने वाले श्री हीरालाल यादव एक दिन में 100 किलोमीटर से अधिक यात्रा करने की क्षमता रखते हैं। अपने इस अभियान के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए वे अब तक लगभग 250 स्थानों पर ‘संवेदना जागृति कला प्रदर्शनी’ लगा चुके हैं, जिसमें सामाजिक चेतना पैदा करने के लिए देश भर से प्राप्त बेहतरीन पोस्टर सम्मिलित किए गए। श्री हीरालाल यादव अब तक विभिन्न स्कूलों, काॅलेजों, जेलों एवं सैनिक छावनियों में 700 से अधिक मोटीवेशनल भाषण देकर नवयुवकों एवं नवयुवतियों को समाज में व्याप्त बुराइयों से लड़ने की अपील कर चुके हैं। उनके इन कार्यों को देखते हुए तमिलनाडु की साउथ इण्डियन एसोसिएशन सोसाइटी द्वारा सन् 2013 में एक लाख रुपए का चेक पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे अब्दुल कलाम आजाद के हाथों दिलाकर उन्हें सम्मानित कराया गया है।
इस अभियान के लिए श्री हीरालाल ने अपनी मां एवं पत्नी को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि आज भी उनकी पत्नी बाम्बे नगर के दहीसर रेलवे स्टेशन के पास सब्जी बेचकर परिवार चलाने का काम कर रही हैं। सन् 1981 में मित्र श्री राम नारायण त्रिपाठी की आर्थिक मदद से बाम्बे पहुंचकर श्री हीरालाल ने लगातार संघर्ष किया। इस बीच सन् 1990 में बीमारी से बुरी तरह टूट चुके श्री हीरालाल ने सन् 1997 में साइकिल यात्रा के माध्यम से पूरे देश में अलख जगाने का जो बीड़ा उठाया, उससे मुड़कर फिर कभी पीछे नहीं देखा। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी शायद ही कभी इतने मिलनसार एवं मृदुभाषी नेता से मुलाकात हुई है।
श्री हीरालाल यादव ने उत्तर प्रदेश में जनचेतना जागृत करने के लिए हर सम्भव प्रयास करने का भरोसा जताया।