लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के.जी.एम.यू.) में प्रदेश की जनता को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पहली बार एक साथ 9 विभागों की स्थापना की जा रही है। इससे जहां प्रदेश की जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी, वहीं उच्च विशिष्टता वाले प्रशिक्षित चिकित्सक भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को नवस्थापित विभागों में शीघ्र इलाज शुरु कराने की मुकम्मल व्यवस्था करने का निर्देश देते हुए कहा कि के.जी.एम.यू. को हर सम्भव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर के.जी.एम.यू. के कुलपति प्रो. रवि कांत के साथ स्थापित होने वाले 9 विभागों के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं एवं अन्य जरूरतों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही इन विशिष्टताओं के आधीन मरीजों का उपचार शुरु कर दिया जाना चाहिए, जबकि पाठ्यक्रमों का संचालन एम.सी.आई. की अनुमति प्राप्त होने के तुरन्त बाद शुरु कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि 27 शैक्षणिक पदों के विरुद्ध शिक्षक नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर दिया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि शीघ्र ही शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार के प्रयासों के चलते के.जी.एम.यू. में नेफ्रोलाॅजी, मेडिकल इण्डोक्राइनोलाॅजी, मेडिकल आंकोलाॅजी, मेडिकल गैस्ट्रोइण्ट्रोलाॅजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, इण्डोक्राइन सर्जरी, थोरेसिक सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी तथा पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन जैसे 9 विभागों की पहली बार स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग अभी तक प्रदेश में केवल एस.जी.पी.जी.आई. लखनऊ में ही उपलब्ध था, अब इस विभाग की स्थापना के.जी.एम.यू. में हो जाने से प्रदेश की जनता को काफी राहत मिलेगी। इस विभाग के स्थापित हो जाने से डिमेन्शिया और अल्जाइमर रोग के लक्षणों को पहचानना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्यूमर की स्थिति, आकार और कैंसर के फैलाव की जानकारी अब बिना किसी सर्जरी के आसानी से प्राप्त की जा सकेगी। के.जी.एम.यू. में डी.एम. न्यूक्लियर मेडिसिन पाठ्यक्रम भी शुरु हो सकेगा, जो अभी तक देश के कुछ चुनिन्दा चिकित्सा विश्वविद्यालयों में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में सर्वाधिक मृत्यु हृदय रोग तथा कैंसर से होती है। के.जी.एम.यू. में मेडिकल आंकोलाॅजी विभाग की स्थापना से अभी तक कैंसर के जो मरीज इलाज के लिए देश के अन्य कैंसर संस्थानों के लिए जाने को मजबूर होते थे, उन्हें प्रदेश में ही बेहतर इलाज कराने का एक और संस्थान उपलब्ध हो जाएगा। इसी प्रकार नेफ्रोलाॅजी विभाग, जिसके तहत गुर्दा रोग का उपचार किया जाता है, की स्थापना से इस रोग से प्रभावित होने वाले प्रदेश के रोगियों को एस.जी.पी.जी.आई. के अलावा एक और बेहतर संस्थान में इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। इससे एस.जी.पी.जी.आई. जैसे संस्थानों पर दबाव कम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जहां गम्भीरता से प्रयास कर रही है, वहीं चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए मेडिकल काॅलेजों, विशिष्ट संस्थानों के साथ-साथ पैरामेडिकल काॅलेजों की स्थापना भी कर रही है, जिससे इलाज के लिए सामान्य से विशिष्ट योग्यता वाले चिकित्सकों की उपलब्धता प्रदेश में ही सुनिश्चित हो सके और जनता को इलाज के लिए दिल्ली या अन्य प्रदेशों पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि के.जी.एम.यू. में प्रदेश की जनता के साथ-साथ बिहार, मध्यप्रदेश सहित कई पड़ोसी राज्यों और नेपाल से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में संस्थान के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि के.जी.एम.यू. लगातार अपनी विशिष्टता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहेगा।