लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के समय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर काम करने केे कारण सभी स्वास्थ्य संकेतक बेहतर हुए हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली दुनिया की नामी-गिरामी संस्थाएं जैसे बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन एवं पाथ आदि भी इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आयी है। गौरतलब है कि वर्ष 2010-11 में एक लाख जीवित जन्म पर मातृ मृत्यु दर 345 थी, जो वर्ष 2013 में घटकर 258 हो गई है। इसी प्रकार शिशु मृत्यु दर वर्ष 2011 में प्रति एक हजार जन्म पर 57 थी, जो वर्ष 2013 में घटकर 50 हो गई है। साथ ही, शिशुओं को लगने वाले प्रतिरक्षण टीकों के प्रतिशत में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर मातृ एवं बाल स्वास्थ्य वर्ष 2015-16 के शुभारम्भ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते राजकीय चिकित्सालयों में इलाज के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। इस वर्ष सरकारी अस्पतालों में गत वर्ष की अपेक्षा लगभग एक करोड़ अधिक लोग इलाज के लिए आए। इसके लिए उन्हांेने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में लिए गए विभिन्न फैसलों जैसे निःशुल्क जांच, एक्स-रे एवं मुफ्त दवा आदि सहित ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस को महत्वपूर्ण कारक बताया।
श्री यादव ने कहा कि और बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को और अधिक गम्भीरता से कार्य करना होगा। चिकित्सकों, ए0एन0एम0 तथा आशा बहुओं को तैनाती स्थल पर ही रूककर लोगों को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करनी होगी। उन्हांेने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी कई देशों से अधिक है। गांव में रहने वाली जनता और महिलाओं को विभिन्न रोगों के सम्बन्ध में कई तथ्यों की जानकारी नहीं है, इसलिए यदि स्वास्थ्य कार्यकर्ता इन तक पहुंचकर विभिन्न रोगों से बचाव एवं स्वास्थ्य के रख-रखाव के सम्बन्ध में सामान्य जानकारी उपलब्ध करा दें तो इन्हें कई रोगों से आसानी से बचाया जा सकता है। इसके लिए किसी विशिष्ट तकनीक एवं ज्ञान की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष के साथ-साथ मातृ एवं बाल स्वास्थ्य वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों क्षेत्रों में बेहतर कार्य करके प्रदेश के हित में दूरगामी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक साथ 09 विभाग खोलने की व्यवस्था की गयी है। आवश्यकतानुसार आगे और अधिक विभागों की स्थापना के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य वर्ष 2015-16 पुस्तिका, हाई रिस्क प्रेगनेन्सी टैªकिंग टैबलेट, जे0ई0/ए0ई0एस0 तथा डायरिया नियंत्रण के सम्बन्ध में प्रचार सामग्री का विमोचन भी किया। हौसला साझेदारी वेबसाइट को लाँच करने के साथ-साथ उन्होंने मोबाइल कंुजी का शुभारम्भ किया। इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस की वेबकास्टिंग भी की गई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर निवासी साइक्लिस्ट श्री हीरालाल यादव को 05 लाख रुपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया। साइकिलिस्ट श्री हीरालाल यादव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज में अभिनव प्रयोग करने वालों को हीरो बनाने का काम कर रही है। इससे समाज के अन्य लोगों को विषम परिस्थितियों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने की प्रेरणा मिलेगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सामने कई कठिन चुनौतियां थी, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन से विभाग ने काफी काम किया है। मरीजों को 05 दिन की मुफ्त दवा, जांच की सुविधा, निःशुल्क एम्बुलेन्स सेवा का उल्लेख करते हुए उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने वित्तीय संसाधनों से ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत 500 अतिरिक्त एम्बुलेन्स खरीदने की व्यवस्था की गई है।
सांसद श्रीमती डिम्पल यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चे भविष्य के नागरिक हैं। उनके स्वस्थ रहने से ही देश स्वस्थ रहेगा और प्रगति करेगा। आशा बहू एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के कार्याें की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन्हंे कठिन परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है। इसके बावजूद इन्होंने प्रदेश के लिए अच्छा कार्य किया है। उन्होंने गोरखपुर एवं इसके आस-पास के जनपदों में होने वाले जापानी इंस्फेलाइटिस के रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों का विस्तार से उल्लेख करते हुए भरोसा जताया कि शीघ्र इसे पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया जाएगा। उन्होंने डायरिया एवं निमोनिया से बच्चों की होने वाली मृत्यु का उल्लेख करते हुए कहा कि थोड़ी सावधानी बरतकर इस समस्या से निजात पायी जा सकती हैं।
किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 रविकांत ने कहा कि प्रदेश को केरल माॅडल पर काम करते हुए महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए, जिससे महिलाएं स्वतः नवजात शिशुओं की तार्किक ढंग से देखभाल कर सकें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोहे के पात्र में सब्जी बनाने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है। बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन के उपनिदेशक श्री अल्केश वादवानी ने कहा कि विगत तीन वर्षाें में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने टीम भावना से काम करते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को काफी सुधारा है, जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2017 तक प्रदेश मानव संकेतक के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा।
पाथ संस्था के प्रतिनिधि श्री विनोद यादव ने जापानी इंस्फेलाइटिस को रोकने के प्रयासों की जानकारी दी। जबकि क्लिन्टन फाउण्डेशन के प्रतिनिधि डाॅ0 नरेश त्रिखा ने डायरिया रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। इस मौके पर विषम परिस्थितियों में ‘108’ एम्बुलेन्स की सेवा के माध्यम से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचायी गई सीतापुर की सुश्री रूबी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आशा बहुओं के सुझाव पर अमल से बहुत बड़ा फर्क आ सकता है।
इसी प्रकार जनपद लखीमपुर खीरी की ए0एन0एम0 सुश्री धनदेवी तथा पीलीभीत की आशा बहू सुश्री ऊषा देवी ने विस्तार से अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में उत्साह से काम करते हुए बेहतर परिणाम पाए जा सकते हैं।
साइक्लिस्ट श्री हीरालाल यादव ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए स्वरचित कविता के माध्यम से मार्मिक अपील करते लोगों से लड़के-लड़की में अन्तर न करने तथा पर्यावरण की हिफाजत करने की अपील की। उन्होंने भ्रूण हत्या रोकने सहित अन्य बिन्दुओं पर प्रदेश में काम करने की इच्छा जाहिर की।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री शंखलाल मांझी तथा श्री नितिन अग्रवाल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, राज्य पोषण मिशन के निदेशक श्री कामरान रिजवी ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर नेपाल सहित विभिन्न राज्यों में भूकम्प में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की कामना की।
कार्यक्रम में राजनैतिक पंेशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती जूही सिंह, प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार श्री सदाकान्त, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।