लखनऊ: स्वच्छता न केवल हमारे घर, आंगन, गली, मोहल्ले, सड़क तक के लिए जरूरी है, बल्कि यह राष्ट्र की आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छ भारत अभियान जो देश के प्रत्येक गांव-शहर से प्रारम्भ होकर प्रत्येक गली, मोहल्लों, सड़कों खुले स्थानों तक स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण स्तर पर शौचालयों का निर्माण कराना देश के बुनियादी ढांचे को बदलना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महात्मा गांधी जी की जयन्ती 02 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत करते हुए साफ-सफाई को जनान्दोलन बनाकर देश को स्वच्छ बनाकर भारत की छवि को बदलने के लिए लोगों का आह्नान किया, जिसमें पूरी सफलता मिली है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में सदियों से खुले में शौच करने की प्रथा को बन्द कराकर शौचालयों के निर्माण पर बल दिया गया। स्वच्छता के लिए शौचालयों का उपयोग करने के लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया गया। गांव की गलियों, नालियों, मोहल्लों को साफ रखना, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, ठोस और तरल अपशिष्ट की अच्छी प्रबन्धन व्यवस्था तथा लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।
प्रदेश के समस्त ग्रामों का बेस लाईन सर्वे 2012 के अनुरूप खुले में शौच मुक्त बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उ0प्र0 राष्ट्रीय स्तर पर शौचालय निर्माण में देश में प्रथम स्थान पर है। शौचालयों के निर्माण से सामाजिक मूल्यों में हुई बढ़ोत्तरी और घरों के सदस्यों को सम्मानित रूप से रहने के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रदेश में बने व्यक्तिगत शौचालयों को ‘‘इज्जत घर’’ का नाम दिया गया है।
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 44,10,903 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया गया। वर्ष 2018-19 में कुल 97,40,466 अवशेष लाभार्थियों हेतु शत्-प्रतिशत व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में शौचालय निर्माण की राष्ट्रीय स्तर पर तुलनात्मक प्रगति में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है। लेफ्ट आॅउट बेनिफिशियरी (एल.ओ.बी.) के अन्तर्गत 36,41,016 छूटे हुए पात्र परिवारों के सापेक्ष माह जुलाई, 2019 तक कुल 23,़64,377 परिवारों हेतु व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया गया। नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे स्थित 25 जनपदों के 1627 ग्रामों में शत-प्रतिशत शौचालयों का निर्माण कराते हुए खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। गंगा की धारा को फिर से निर्मल करने और उनकी पवित्रता को बनाये रखने के लिए इन ग्रामों के निवासियों हेतु शौचालयों का निर्माण कराकर और उनके उपयोग साफ-सफाई सम्बंधी व्यवहार में परिवर्तन लाकर गंगा को और मलिन होने से बचाने में बड़ी सफलता मिली है।
भारत सरकार की अपेक्षानुसार दिनांक 02 अक्टूबर, 2014 से निर्मित समस्त शौचालयों का ळमव.ज्ंहहपदह यूनीकोडिंग सहित कुल 1,71,45,865 व्यक्तिगत शौचालयों का फोटोग्राफ भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
योजनान्तर्गत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों के क्रम में पब्लिक फाइनेनशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पी.एफ.एम.एस.) का क्रियान्वयन प्रक्रियाधीन है तथा अब तक 57.566 ग्राम पंचायतों के पी.एम.एस.एस. पर पंजीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। स्वच्छता एवं साफ-सफाई के प्रति ग्रामीण समुदाय को विभिन्न जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास निरन्तर जारी है।