लखनऊ: प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्योगों को तकनीकी एवं वित्तीय सहायता सेवा प्रदाता कंपनी यूपीकॉन के 50वें स्थापना दिवस पर यूनिकॉर्न स्थापित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप वर्कशॉप-2023 का आयोजन किया गया। शनिवार को कॉन्क्लेव में यूपी के विभिन्न स्टार्ट-अप सहित कई उद्योग भागीदारों, सलाहकारों और इन्क्यूबेटरों ने भाग लिया।
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यूपीकॉन के प्रबंध निदेशक प्रवीण सिंह ने कहा, “उत्तर प्रदेश में अवसरों की अनंत संभावना है। MSME क्षेत्र में एक अग्रणी सलाहकार के रूप में हमने पिछले कुछ वर्षों में यूपी के विकास में काफी तेजी देखी है। पिछले छह वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार की विभिन्न कल्याणकारी नीतियों के चलते राज्य में औद्योगिक विकास को नए पंख लगे हैं।
अमित मोहन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव- एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन, यूपी और अध्यक्ष यूपीकॉन ने अपनी प्रारंभिक उद्बोधन में उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति के विकास पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पालिसी के स्तर पर हम नियमित रूप से विकसित हो रहे हैं और संपूर्ण स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में डिजिटलीकरण और नए समय की तकनीक के उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिससे हमें इच्छित परिणाम प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।
नरेंद्र भूषण प्रधान सचिव आईटी और आईटीई ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप कल्चर का केंद्र बनता जा रहा है। हमने पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स के रजिस्ट्रेशन में काफी बढ़ोत्तरी देखी है। हम नई नीतियों के निर्माण, विभिन्न पंजीकरण प्रक्रियाओं पर नए सिरे से काम करने, सिंगल विंडो सिस्टम, वित्त पोषण और सरकार की ओर से है संभव सहायता उपलब्ध करा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक युवाओं को स्टार्ट-अप का हिस्सा बनने और राज्य के भीतर रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
दिन भर चली इस कार्यशाला में कई दिग्गज उद्योगपतियों और शासन से जुड़े अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिन्होंने स्टार्ट-अप संस्कृति और स्टार्ट-अप उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के अवसरों पर अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए। जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की गई उनमें कृषि, शिक्षा और आईटी शामिल थे।
एजु स्टार्ट-अप और शिक्षा क्षेत्र में विकास के अवसर पर चर्चा करते हुए दीपक कुमार, (एसीएस, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा यूपी) ने कहा कि हम युवा उद्यमियों विभिन्न नवाचारों से परिचित हो रहे हैं जो शिक्षा क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी और डेटा के सही उपयोग के चलते गेम चेंजर साबित हो रहे हैं। हम ऐसे और उद्यमियों को निकट भविष्य में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
आबकारी और चीनी उद्योग विभाग के एसीएस संजय भूसरेड्डी ने कहा कि युवा स्टार्ट-अप्स द्वारा विकसित विभिन्न ऐप और नई तकनीकी ने उनकी अद्भुत मेधा शक्ति को साबित कर दिया है जिसके इस्तेमाल से गन्ना उद्योग और उससे जुड़ी समस्त प्रक्रियाओं को पुनर्जीवन मिला है।
कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन अमित मोहन प्रसाद (एसीएस-एमएसएमई एवं एक्सपोर्ट प्रमोशन, उत्तर प्रदेश), अक्षय त्रिपाठी- (प्रबंध निदेशक-यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड), प्रांजल यादव, सचिव, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग, यूपी, संजय भार्गव (संस्थापक सदस्य, पेपाल और स्पेसएक्स) और प्रवीण सिंह, एमडी, यूपीकॉन द्वारा किया गया।
देवेश चतुर्वेदी, एसीएस, कृषि ने कहा कि खेती में तकनीकी जानकारी और आधुनिक युग की तकनीक के उपयोग के कारण पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। युवा उद्यमी किसानों के लिए नए विचारों और नवाचारों के साथ आ रहे हैं जो उनके लिए वरदान साबित हो रहे हैं और हम लगातार ऐसे सोच के साथ जुड़कर आगे बढ़ रहे हैं।
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की लगातार पहल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने राज्य में युवा उद्यमियों के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार किया है। विभिन्न नीतियों और कार्यान्वयन के समय के अनुकूल बदलाव ने राज्य में व्यापार करना आसान बना दिया है।
डीपीआईआईटी के उप सचिव कुंदन कुमार ने कहा कि स्टार्ट-अप को पूंजी और भरण-पोषण भत्ते सहित विभिन्न लाभों की उपलब्धता से काफी मदद मिली है। पारदर्शिता और निष्पक्ष व्यावसायिक नीतियों से अधिक से अधिक युवा उद्यमियों को बढ़ावा दे उनके स्टार्ट-अप को शुरू कराने और देश को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास है।
वर्कशॉप के समापन सत्र में “गोल्ड फिश” पर एक निवेशक पैनल संग चर्चा हुई, जिसमें प्रमुख निवेशकों संग चर्चा और चुनिंदा स्टार्टअप्स द्वारा बिजनेस पिच और परामर्श सत्र शामिल था। स्टार्ट-अप्स द्वारा की गई चयनित पिच प्रस्तुतियों के बाद पैनलिस्ट ने उनमें से तीन को निवेश के लिए चुना जिसमें एग्रोनेक्स्ट, एलसीबी फर्टिलाइजर्स और एसीएस ज्वेल्स शामिल थे।
यूपीकॉन के 50 साल, नवाचार और विकास की एक विरासत पर विचार करते हुए, यूपीकॉन के एमडी प्रवीन सिंह ने यूपीकॉन की शुरुआत और यह कैसे बाजार में एक अग्रणी सेवा प्रदाता के रूप में विकसित हुआ है इस बारे में बताया। उन्होंने कंपनी के मूल मूल्यों, रणनीतियों और उपलब्धियों को साझा किया साथ ही सेवारत कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण कार्य से निरंतर आगे बढ़ाने के विजन पर प्रकाश डाला।
यूपीकॉन के बारे में: लगभग पांच दशक पहले स्थापित, यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड का स्वामित्व और संचालन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है और इसने खुद को कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास, परामर्श, खुदरा, सार्वजनिक हेल्पलाइन, वित्तीय समावेशन, प्रौद्योगिकी और जैसे क्षेत्रों में विस्तारित किया है। यह संस्था छोटे, मध्यम और बड़े पैमाने के क्षेत्रों में 1000 से अधिक औद्योगिक परियोजनाओं के लिए डेटा बैंक के रूप में कार्य करता है। जिसका डेटा तकनीकी में हो रहे परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से अपडेट किया जाता है।
यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड का बीएसएनएल, अडानी ग्रुप, पेमी, बेसिल, बीएसई, एनएसआईसी जैसे संगठनों के साथ एक मजबूत संबंध और साझेदारी है, जो नवीनतम तकनीक और आधुनिक प्रक्रियाओं को अपनाते हुए कार्य करती है। यूपीकॉन नई तकनीक और प्रक्रियाओं को अपनाने वालों में से एक है, चाहे वह ब्लॉक-चेन सक्षम तकनीक हो, ड्रोन को अपनाना हो, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वित्तीय तकनीक हो।