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मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना के संबंध में एमओयू का आदान प्रदान करते हुए उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश के अधिकारी।

उत्तराखंड
देहरादून: शनिवार को बीजापुर में उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश के मध्य किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में उत्तराखण्ड की ओर से सचिव ऊर्जा डा. उमाकांत पंवार व हिमाचल प्रदेश की ओर से वहां के प्रमुख सचिव ऊर्जा एसकेबीएस नेगी ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने परियोजना पर सहमति के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश को लाभ होगा बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। किसाऊ परियोजना दोनों राज्यों के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह एक ऐसी शुरूआत है कि जो कि अन्य राज्यों को भी प्राकृतिक संसाधनों के सामूहिक उपयोग का रास्ता दिखाएगी।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश दो भाईयों की तरह हैं और दो भाई मिलकर आगे बढ़ें, इससे बेहतर क्या हो सकता है। उन्होंने बताया कि किसाऊ परियोजना को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय परियोजना के तौर पर स्वीकृति मिली हुई है। इसके वित्त पोषण में केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत जबकि हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड का योगदान 5-5 प्रतिशत होगा। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद मीडिया से कहा कि सरकार पूरा प्रयास करेगी कि जमरानी बांध परियोजना पर भी उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश में जल्द सहमति हो सके।
मुख्य सचिव एन रविशंकर ने बताया कि 660 मेगावाट की किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के बारे में हिमाचल प्रदेश के साथ सहमति हुई है। इस परियोजना से मिलने वाले सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के हिस्सेदार दोनों राज्य बराबर-बराबर होंगे। इससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश भी लाभान्वित होंगे। इससे दिल्ली की पेयजल समस्या दूर होगी व यमुना नदी के पुनर्जीवन में भी यह परियोजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। इससे प्रभावित लोगों को राहत व पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मंजूर मानकों के अनुरूप कार्य किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा एसकेबीएस नेगी ने आराकोट-त्यूनी के पास एक अन्य परियोजना के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने चीफ इंजीनियर स्तर पर इसका तकनीकी परीक्षण कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत, संसदीय सचिव प्रदीप बत्रा, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, जलवि़द्युत निगम के एमडी एसएन वर्मा, पावर कारपोरेशन के एमडी एसएस यादव, हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी देवेंद्र कुमार शर्मा, रेणुकाजी बांध परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक आरपी वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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