देहरादून: उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन परिषद के प्रबन्ध समिति की द्वितीय बैठक माननीय उद्यान मंत्री एवं अध्यक्ष, उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन परिषद की अध्यक्षता में विधान सभा के सभागार में सम्पन्न हुई।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/सदस्य सचिव श्री आर0सी0 श्रीवास्तव द्वारा बैठक के एजेण्डा नोट को बिन्दुवार समिति के सम्मुख रखा, जिसमें परिषद की 25 अप्रैल, 2015 को आहूत प्रथम बैठक का कार्यवृत तथा लिए गये निर्णय की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गई, जिसकी पुष्टि परिषद द्वारा की गई।
परिषद की प्रथम बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार इस परिषद को निगम के रूप में स्थापित किये जाने के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया गया कि निगम की स्थापना के सम्बन्ध में शासन के वित्त, नियोजन, कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग की एक बैठक विलम्बतम् 10 दिन के भीतर अपर मुख्य सचिव उद्यान की अध्यक्षता में आहूत की जाय। जिसमें कार्मिक तथा वित्त को भी आमंत्रित किया जाये तथा निगम की स्थापना में आ रही कठिनाईयों का समाधान निगम की स्थापना पर शीघ्र कार्यवाही की जाय, जब तक निगम की स्थापना नहीं हो जाती तब तक परिषद का वैधानिक अस्तित्व निर्धारण करने हेतु इसका पंजीकरण सोसायटी एक्ट के अधीन कराया जाय, जिस पर कार्यवाही करने के निर्देश मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दिये।परिषद की गतिविधियों के संचालन हेतु जो 11 $ 1 पद स्वीकृत किये गये है को अपर्याप्त बताते हुए इन पदों को निगम बनाते समय निगम के ढांचे के साथ-साथ स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है।
प्रथम बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार परिषद में वित्त अधिकारी की तैनाती के सम्बन्ध में चर्चा उपरान्त यह निर्णय लिया गया कि निगम के ढांचे में यह पद रखा गया है। जब तक निगम की स्थापना हेतु निर्णय नहीं हो जाता तबतक शासन से वित्त अधिकारी का 1 पद पदेन रूप से स्वीकृत करने तथा इस पर वित्त सेवा के किसी अधिकारी को परिषद का अतिरिक्त कार्य प्रभार दिये जाने के निर्देश अध्यक्ष उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन परिषद द्वारा दिये गये है।
परिषद के वर्ष 2015-16 के वार्षिक बैलेन्स शीट का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। परिषद के भवन के सम्बन्ध में यह निर्णय लिया गया कि परिषद का कार्यालय भवन जो वर्तमान में उद्यान विभाग के राजकीय उद्यान परिषद में स्थापित है जहां स्थान की कमी तो है साथ ही यह भवन बरसात में टपकता है। जिससे कार्य सम्पादन में कठिनाई होती है, की तत्कालिक व्यवस्था के लिए रिंग रोड स्थित कृषक भवन में परिषद के कार्यालय हेतु अपेक्षित स्थान उपलब्ध कराये जाने हेतु सम्बन्धित विभाग से अनुरोध कर आवंटन कराया जाय। शासन स्तर से भी इस कार्य में समन्वय किया जाय। उक्त के अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि उद्यान विभाग के वर्तमान भवन के प्रथम तल पर आवश्यकता के दृष्टिगत तैयार कराये गये निर्माण कार्य के आगणन रु0 38.48 लाख स्वीकृत कर भवन निर्माण कराया जाय। परिषद के गतिविधियों के सुगम सम्पादन हेतु वाहन की वर्तमान व्यवस्था का अनुमोदन किया गया तथा स्थायी व्यवस्था के अन्तर्गत परिषद हेतु 1 हल्का वाहन (कार) उपलब्ध बजट से क्रय किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया। राज्य में उत्पादित सेब फलों की व्यापक प्रचार-प्रसार एवं बै्रण्डिंग को दृष्टिगत रखते हुए गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी दिल्ली एवं मुम्बई में सेब महोत्सव का आयोजन यथा समय आयोजित कराने के निर्देश औद्यानिक मंत्री द्वारा दिये गये।
बैठक में निर्णय लिया गया कि फल उत्पादक क्षेत्रों में कृषकों/उत्पादकों की कौशल अभिवृद्धि हेतु तुड़ाई उपरान्त प्रबन्धन की तकनीकी प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण आयोजित किये जायें। परिषद द्वारा प्रमुख औद्यानिकी उपजों के तुड़ाई उपरान्त प्रबन्धन की तकनीकी बुलेटीन पर्याप्त मात्रा में तैयार कर फल उत्पादकों को प्रशिक्षण के दौरान एवं जिला उद्यान अधिकारियों के माध्यम से वितरित की जाय। उद्यान विभाग माल्टा एवं गलगल फलों का न्यूनतम समर्थ मूल्य घोषित कराया जाय जिससे कि विपणन परिषद एवं उद्यान विभाग के सहयोग से आवश्यकतानुसार उपार्जन एवं विपणन गतवर्ष की भांति किया जा सके।
अब तक उत्पादकों को सेब के कोरोगेटेड बॉक्सों का वितरण उद्यान विभाग द्वारा जिला योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान पर वितरित किया जाता रहा। समय से उत्पादकों को बॉक्स उपलब्ध कराये जाने पर गहन चर्चा के उपरान्त यह निर्णय लिया गया कि सेब बॉक्सों की व्यवस्था अगले वर्ष से परिषद द्वारा की जायेगी जिस हेतु निदेशक उद्यान सेब के वितरित की जाने वाले बॉक्सों का आकलंन कर अपनी मांग विलम्बतः फरवरी माह में परिषद को उपलब्ध करायेगें तथा परिषद मांगानुसार बॉक्सों की व्यवस्था की औपचारिकता पूर्ण कर विलम्बतः माह मई के अिंतम सप्ताह तक उन्हें उपलब्ध करायेगा तथा उनके द्वारा बॉक्सों का कृषकों में वितरण किया जायेगा तथा उद्यान विभाग 50 प्रतिशत क्रय की धनराशि अपने बजट से तथा 50 प्रतिशत धनराशि कृषकों से प्राप्त कर परिषद को उपलब्ध करायेगी।
राज्य में तुड़ाई उपरान्त प्रबन्धन की अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु कन्सल्टेन्स से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाये जाने व इस पर होने वाले व्यय का वहन परिषद निधि से किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया। वर्ष 2016-17 हेतु परिषद के संचालन हेतु मांगानुसार शासन से बजट उपलब्ध न होने कारण आ रही कठिनाईयों के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया कि वास्तविक मांग के अनुसार निदेशक उद्यान अनुपूरक मांग शासन को प्रेषित कर 42 अन्य व्यय मद में बजट की व्यवस्था यथा समय सुनिश्चित करायी जाय।
उक्त के अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया कि परिषद की प्रबन्ध समिति में निम्नानुसार संसोधन का शासनादेश, शासन स्तर से निर्गत कराया जाय। मण्डी परिषद के अध्यक्ष के स्थान पर परिषद के निदेशक को नामित किया जाय। कुलपति, भरसार विश्वविद्यालय के नामित 2 विषय विशेषज्ञों के स्थान पर 1 सदस्य ही रखा जाय। कुलपति, जी0बी0 पन्त कृषि एवं प्रद्यौगिकी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में 1 विषय विशेषज्ञ रखा जाय। वर्तमान में भरसार तथा जी0बी0 पन्त कृशि विश्वद्यिलय से 2-2 प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित है। औद्यानिक गतिविधियों में सक्रिय सहभागी संस्थानों एपीडा, भारत सरकार तथा हार्क संस्था के एक-एक प्रतिनिधि को भी सदस्य के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया। संयुक्त सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार अथवा उनके द्वारा नामित 1 सदस्य को रखा जाय।
बैठक में समिति के सम्मानित सदस्य डॉ0 रणवीर सिंह, अपर मुख्य सचिव, उद्यान, श्री टीकम सिंह पंवार, अपर सचिव वित्त, अर्जुन सिंह, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ0 बी0एस0 नेगी, संयुक्त सचिव वन एवं पर्यावरण आर0 के0 तोमर, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड भारत सरकार के उपनिदेशक डॉ0 के0एन0 त्रिपाठी, औद्यानिक विश्वविद्यालय भरसार के वैज्ञानिक डॉ0 तेजपाल बिष्ट, लीड बैंक मण्डल कार्यालय देहरादून के मुख्य प्रबन्धक संजय भाटिया, उपनिदेशक डॉ0 रतन कुमार तथा शोध अधिकारी श्री महेन्द्र पाल, कृषक एसोसिऐशन के नामित प्रतिनिधि श्री कुन्दन सिंह पंवार, उद्योग के नामित प्रतिनिधि दीपक पुरी उपस्थित थे।
बैठक के अंत में परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आर0 सी0 श्रीवास्तव द्वारा माननीय अध्यक्ष एवं सभी सम्मानित सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।