देहरादून: यशपाल आर्य की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई।
बैठक में मंत्री ने 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत पिछले 3 वर्षों में वितरित किये गये ऋण वितरण की वसूली की प्रगति पर असन्तोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम द्वारा संचालित एवं वित्त पोषित योजनाओं में दी जा रही सब्सिडी के विषय में क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ग्राम सेवक एवं जन प्रतिनिधियों को भी सूचित करते हुए, योजनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार भी किया जाय।
बैठक में कहा गया कि गाय, भैंस, बकरी पालन के अतिरिक्त जैविक कृषि, मशरूम उत्पाद, मत्स्य उत्पादन, पुष्प उत्पादन, मौन पालन जैसे नवीन क्षेत्रों में, निगम की योजनाऐं संचालित करें। इसके अतिरिक्त मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को मनरेगा की योजना से टपटेल भी किया जाय।
बैठक में निर्देश दिया गया कि जो योजना व्यवहारिक नहीं हैं ऐसी योजनाओं की समीक्षा करके बन्द करने की कार्यवाही करें।
निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बी.डी.सी. बैठकों में अवश्य प्रतिभाग करें एवं परम्परागत हस्त-शिल्प योजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाय। जिससे समाज के निचले तबके को लाभ पहुचे एवं पर्वतीय क्षेत्र से पलायन को रोकने में मद्द मिल सके। बैठक में महिला स्वयं सहायता समूह को विशेष प्रोत्साहन देने के निर्देश दिये गये।
निगम की योजनाओं के सन्दर्भ में ऋण वितरण के लिए देहरादून एवं हल्द्वानी में इस माह कैम्प लगाया जायेगा। इसमें मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक डाॅ.वी.षणमुगम, महाप्रबन्धक योगेन्द्र रावत, उप महाप्रबन्धक एस.एस.रावत एवं विभाग से सम्बन्धित सभी जनपदों के अधिकारी एवं जनसम्पर्क अधिकारी विजय भट्ट मौजूद थे।