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उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा परिषद् की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए: श्रीमती इन्दिरा हृदयेश

उत्तराखंड
देहरादून: ‘‘ उत्तराखण्ड स्थित  विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता एवं विशेषज्ञता युक्त शिक्षा पर अधिक बल दिया जाये तथा  प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में युवा छात्र/छात्राओं को रोजगारपरक शिक्षा

देने के साथ उन्हें संस्थान में प्लेसमैन्ट दिलाये जाने की आवश्यकता है’’ यह बात उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने राजकीय महिला आद्यौगिक संस्थान (सर्वे चैक) के सभागार में उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा परिषद् की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
बैठक में उन्होने अपेक्षा कि उनके विश्वविद्यालय एवं विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए जो विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास व जीविकोपार्जन के लिए उपयोगी हो तथा बड़ी कपंनिया स्वंय विद्यालयों  में आकर अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को अपने संस्थान हेतु चयन कर ले जायें। उन्होने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा छात्र/छात्राओं को उनकी रूचि के अनुसार  विभिन्न गतिविधियों में  जिनमें खेल तथा विभिन्न विषयों पर गु्रप डिस्कशन को भी रखा जाये जिससे शिक्षण संस्थान में एक आदर्श वातावरण बनेगा तथा छात्र/छात्राओं को अपने लक्ष्य के प्रति ज्यादा जागरूक होने के साथ अपने हुनर को दिखाने का अवसर मिलेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में विभिन्न उद्योग संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी परिषद का सदस्य बनाया जाये तथा प्रदेश की उच्चतर शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए उनका सहयोग लिया जाय। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ हृदयेश ने कहा कि आज परिषद की बैठक में लिये गये निर्णयों का सख्ती से पालन किया जाये।
ं विगत 2014 में हुई बैठक के निर्णयों  के सम्बन्ध में नोडल अधिकारी रूसा, डाॅ एस.एस साहनी ने अवगत कराया गया  कि राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार को प्रेषित की जाने वाले राज्य योजना के लिए प्रस्तावों का अनुमोदन के परिषद के गत निर्णय के सापेक्ष उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में प्रस्तावों के अनुमोदनोपरान्त वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए रूसा की रू0 582.06 करोड़ राज्य योजना भारत सरकार को उपलब्ध कराई गयी थी जिसके सापेक्ष 159 करोड़ का अनुमोदन हो गया हैं जिसकी प्रथम किस्त के रूप में 16 करोड़ रूपया भारत सरकार द्वारा दिया जा चुका है। जिसमें  भारत सरकार द्वारा रूसा के अन्तर्गत 40 प्रस्तावों के लिए रू0 13.10 करोड़ तथा उच्च शिक्षा सुधार व तैयारी के लिए रू0 3.63 करोड़ के केन्द्रांश की प्रथम किस्त उपलब्ध करायी जा चुकी है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी चाहने पर बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में रूसा की तैयारी तथा घटकों के अनुदान हेतु क्रमशः रू0 3.50 करोड़ तथा रू0 103.50 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया गया है। यह भी अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये केन्द्रांश के सापेक्ष रूसा के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित  कुल 40 प्रस्तावों में से उत्तराखण्ड संस्कृत विश्व विद्यालय को रू0 123 लाख, 5 राजकीय महाविद्यालयों को रू0 36.97 लाख प्रति महाविद्यालय की दर से तथा एकेडमिक स्टाफ कालेज, कुमाऊॅ विश्वविद्यालय, नैनीताल को रू0 28.02 लाख की प्रथम किस्त के रूप में कुल रू0 8.54 करोड़ वित्तीय स्वीकृति जारी की गयी है। डाॅ साहनी ने बताया कि परियोजना निदेशालय गठन के सम्बन्ध में रूसा के राज्य परियोजना निदेशालय का गठन शासनादेश 20 मार्च के द्वारा 3 पदेन पदों सहित कुल 16 पदों का सजृन किया गया तथा परियोजना निदेशालय कार्यालय 21/20 ई.सी रोड देहरादून में स्थापित कर दिया गया है।
उच्च शिक्षा परिषद को सवैंधानिक निकाय के रूप में स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में यह परिषद संवैधानिक निकाय के रूप में संचालित है, उसका अध्ययन करते हुए एवं  उनका समावेशन करते हुए राज्य के उच्च शिक्षा परिषद का संवैधानिक निकाय के रूप में अनुमोदन हेतु ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिय। विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए विश्वविद्यालय/महाविद्यालय परिसरों में गैर छात्र/छात्राओं के प्रवेश पर प्रातः 10 बजे से अपराहन 3 बजे तक पाबन्दी, विद्यार्थियों की पहचान के लिए गले में प्रवेश पत्र टांगने की अनिवार्यता, 75 प्रतिशत् उपस्थिति की व्यवस्था का कठोरता से पालन कराने, लिंगदोह समिति की सिफारिशों का अक्षरशः अनुपालन कराने के सम्बन्ध में भी अनुपालन के निर्देश दिये गये।

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