देहरादून: बीजापुर हाउस में नेपाल, थाइलैंड और मेडागास्कर में तैनात भारतीय राजदूतों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर उत्तराखण्ड में विकास की विभिन्न सम्भावनाओं पर विचार विमर्श किया। नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे से मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल व उत्तराखण्ड के नागरिकों में सांस्कृतिक समन्वय की लम्बी परम्परा रही है। दोनों ओर के लोगों की सुविधा के लिए भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, पुल आदि कनेक्टीवीटी पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। यदि दोनों ओर के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी नियंमित रूप से संयुक्त बैठक करें तो अधिकांश स्थानीय समस्याओं को हल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान की कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। पंचेश्वर बांध को मुख्यमंत्री श्री रावत व नेपाल में भारत के राजदूत श्री रंजीत रे महत्वपूर्ण बताया। श्री रे ने कहा कि पंचेश्वर बांध नेपाल के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
थाईलैंड में भारत के राजदूत भगवंत सिंह विश्नोई ने कहा कि उत्तराखण्ड में फार्मासिटिकल क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं। थाईलैंड की फार्मासिटिकल कम्पनियां राज्य में निवेश कर सकती हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सिडकुल के एमडी आर राजेश कुमार को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। श्री विश्नोई ने कहा कि राज्य में पूंजी निवेश के लिए थाईलैंड में रोड शो जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।
मेडागास्कर में भारत के राजदूत और उत्तराखंड के मूल निवासी सीबी थपलियाल ने सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषकों की उपजों की विपणन की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार विभिन्न स्थानीय उपजों पर प्रोत्साहन राशि दे रही है और इनकी मांग सृजित करने का प्रयास भी कर रही है।