देहरादून: उत्तराखण्ड में जनसहभागिता से विकास के लिए काम किया जा रहा है। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आज उत्तराखण्ड तेजी से विकसित होते राज्यों में से है। हमारी प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 54 हजार रूपए से अधिक हो गई है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भी विकास दर में वृद्धि हुई है। कृषि व संबद्ध क्षेत्रों व सेवा क्षेत्र में हुई वृद्धि हमारे लिए उत्साहजनक है। परंतु हम इसी से संतुष्ट नहीं हैं। हमारा मानना है कि ग्रोथ ऊध्र्वाधर नहीं बल्कि क्षैतिज होना चाहिए। विकास समावेशी हो, सबकी भागीदारी से हो।
समावेशी विकास के लिए हमने समाज कल्याण को प्राथमिकता दी है। हम आज सर्वाधिक प्रकार की सामाजिक पेंशनें देने वाले राज्य हैं। पेशन लाभार्थियों की संख्या 2.25 लाख से बढ़कर 6.5 लाख हो गई है। हम आर्थिक विकास के लिए तीन मूल मंत्रों पवर काम कर रहे हैं। पहला शिक्षा उन्नयन, आज कोई भी विद्यालय अध्यापक विहीन नहीं है। अपे्रल के अंत तक सभी स्कूलों को प्रधानाचार्य भी मिल जाएंगे। हम क्वालिटी शिक्षा के लिए 500 माॅडल स्कूल बनाने जा रहे हैं। निजी पूंजी को आकर्षित करने के लिए हमने नीति भी बनाई है। इसका परिणाम भी मिलना प्रारम्भ हो गया है। पोखड़ा में एक विश्व विद्यालय, पोलिटेक्नीक कालेज व नैनीसार में इंटरनेशनल स्कूल के प्रस्ताव आए हैं।
कृषि में एक ठहराव सा आ गया था। अब इसमें हलचल प्रारम्भ हो रही है। लोगों की खेती, बागवानी व पशुपालन में फिर से रूचि होने लगी है। हम अपने कृषि व स्थानीय उत्पादों की मांग सृजित करने में कुछ सफल हुए हैं। राज्य के हस्तशिल्प को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। नंदा देवी सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। हम 2000 क्राफ्टमेन व क्राफ्टवूमेन तैयार कर रहे हैं। सेवा क्षेत्र में हमारी ग्रोथ रेट बता रही है कि बहुआयामी पर्यटन के लिए हमारे प्रयासों को सफलता मिलनी शुरू हो गई है । हमने पारम्परिक पर्यटन के साथ इको पर्यटन, खेल, कल्चर, साहसिक पर्यटन व स्थानीय सहभागिता युक्त पर्यटन को संबद्ध किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर में भी हमने काफी काम किया है। तुलनातमक रूप से हमारी सड़कें बेहहतर हैं। इस वर्ष हम 500 नई सड़कों पर काम करने जा रहे हैं। हम औसतन 22 घंटे से अधिक बिजली दे रहे हैं। उद्योगों को अपे्रल से 24 घंटे बिजली दी जाएगी। बजट सत्र से अगले सत्र में हम इसके लिए एक्ट बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। हम देहरादून में रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं।
1. क्या आप चुनावों की तैयारी में लग गए हैंः मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमारा फोकस केवल विकास योजनाओं पर है। हमारी कोशिश है कि विभिन्न क्षेत्रों में की गई पहलों को शुरूआत दे दी जाए।
2. क्या आप का इम्तिहान हो रहा हैः मुख्यमंत्री ने कहा कि कि पब्लिक लाईफ में जो भी व्यक्ति हो उसे यह मानना चाहिए हर पल हर क्षण आपका इम्तिहान ले रहा है।
3. आने वाले चुनाव में आपका प्रधानमंत्री मोदी से मुकाबला होगा। मोदी व अमित शाह से कैसे मुकाबला करेंगेः मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास शक्ति का अपार स्त्रोत है। मैं उनसे मुकाबले के बारे में नहीं सोचता हूं। मेरा ध्यान केवल और केवल जनता की सेवा पर है। मैं तेा केवल एक कार्यकर्ता हूं। हां मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि भारतीय लोकतंत्र अगर राई को पहाड़ बनाने की ताकत रखता है तो पहाड़ को खाक बनाने की ताकत भी रखता है।
4. क्या आप चुनाव जीतेंगेः मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से जनभागीदारी से विकास किया है, उससे लोगों का मन इस तरफ बन रहा है। दिल्ली वाले बड़ी बातें करते हैं, हम केवल काम करते हैं। हम साम दाम दंड भेद में विश्वास नहीं करते हैं। मैं केवल विकास यात्रा में लोगों का सहयोग मांगता हूं। जिस तरह से केंद्र ने स्वच्छ भारत में शौचालय निर्माण के लिए प्रति शौचालय की राशि को 12 हजार रूपए से कम करके 4 हजार रूपए कर दिया है, शत-प्रतिशत केंद्र सहायतित एससी व एसटी की पोस्ट मेट्रिक स्कालरशिप के लिए राज्यों को सहायता राशि नहीं दे रहे हैं, उससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार के पास विचार व विजन का अभाव है। उन्होंने लोगों को सपने दिखाए और तोड़ दिए। हम सपने नहीं दिखाते हैं। हम केवल काम करते हैं।
5. मोदी को कैसे साधेंगेः मोदी जी को उनकी ही पार्टी के लोग साधने में लगे हैं। एक साधै सब साधै की तर्ज पर हम केवल जनता को साधने में विश्वास रखते हैं। उनका इतिहास केवल तोड़ने में रहा है। वे देश को कांगे्रस मुक्त करने की बात करते हैं जबकि मैं तो अपने राज्य में नाम मात्र की उपस्थिति वाले दलों को भी सम्मान देता हूं उनके सुझावों को गम्भीरता से लेता हूं। वर्ष 2002 में उत्तराखण्ड से ही कांगे्रस के पक्ष में माहौल बनना शुरू हुआ था। 2017 में भी यही होगा। वैसे हमारा ध्यान 2019 पर अधिक है।
6. क्या आप साफ्ट हिंदुत्व में यकीन करते हैंः मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं एक धर्म परायण व्यक्ति हूं। सभी धर्मों का आदर करता हूं। परंतु रूढि़वादिता में विश्वास नहीं करता हूं। हमारे राज्य में हर धार पर मंदिर है, देवी-देवता है। यहां गंगा-यमुना, हेमकुड साहिब, राठी साहिब, परिान कलियर है। इसी का प्रभाव है कि मैं धर्मपरायण व्यक्ति हूं।
7. देशभक्ति बनाम देशद्रोही की बहसः मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की शुरूआत अंग्रेजों की भक्ति से हुई, वे लोग आज देशभक्ति की बात कर रहे है। केन्द्र सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगा रहे है। गांधी परिवार में देश के लिए बलिदान होने की परम्परा रही है। जिस व्यक्ति के रक्त में देश के लिए बलिदान होने की भावना दौड़ती है, उसे देशभक्ति की सीख देने का प्रयास भाजपा के लोग कर रहे है। राहुल गांधी ने कन्हैया को गलत तरीके से फंसाये जाने का विरोध किया था। हमारा भी मानना है कि देश के खिलाफ यदि कोई नारे लगते है, तो उसपर कार्यवाही की जानी चाहिए। परन्तु यह कार्यवाही कानून द्वारा की जानी चाहिए न की भाजपा के लोगो द्वारा। जेएनयू हमारा प्लैटफाॅर्म कभी नही रहा, लेकिन हमने इसके स्वायत्ता पर कभी सवाल नही उठाया। इसी तरह यदि संस्थाओं को समाप्त करने का प्रयास किया जाता रहा तो संसदीय लोकतंत्र कैसे चलेगा। उन्होंने मीडिया को भी सावधान करते हुए कहा कि(तेरी बरबादी के चर्चे भी है आसमान में)।
8. हरीश रावत ने अपने विरोधियों का सफाया कर दिया: मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो विरोध का सम्मान करता हूं, विरोध के बहाने ही सही लोगों के मन में आ तो जाता हूं।
9. कांग्रेस के अंदर ही विरोधी है: मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में सभी लोगों से पूर्व सहयोग मिला है। हमारी पार्टी में काबिल लोगों की कमी नही है। स्वस्थ्य मंथन होता रहता है।
10. इंदिरा अम्मा कैन्टिन: इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि इंदिरा गांधी को पूरी दुनिया में गरीबों की मसीहा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए गरीब लोगों के लिए प्रारम्भ की गई इस योजना को इंदिरा गांधी के नाम से जोड़ा गया है।
11. मुख्यमंत्री की हर योजना पौलिटिकली मोटिवेटेड होती है: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सभी योजनाएं राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है। शायद गडबड मेरे साथ ही है कि मैं पौलिटिकल हूं। हमारी सारी योजनाएं खेती, शिक्षा, हस्तशिल्प व संस्कृति को बढ़ावा देने की है। हमने अपनी योजनाओं से लोगों की आजीविका को भी जोड़ा है।
12. कांग्रेस में पौलिटिकल थिंकिंग की कमी है: मुख्यमंत्री ने इसे गलतफहमी बताते हुए कहा कि कांगे्रस भारतीय जीवन शैली है, भारतीयता का पर्याय है।
13. लोकसभा चुनाव में हार: हम दस साल से सरकार में थे। मोबाईल व इंटरनेट यूपीए सरकार की ही देन है। लोग सम्भवतः स्वाद बदलना चाहते थे। कांग्रेस में दुबारा उभरकर आने की ताकत है। हम 1979 की स्थिति से भी निकलकर आये थे, तो आगे भी आयेंगे। अब तो स्थिति यह है कि हमसे ज्यादा भाजपा आगे के लिए चिंतित हो रही हैै।
14. अपनी परेषानियांे का ठेका केन्द्र पर क्यों फोडते है हरीश रावत: मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एससी व एसटी छात्रों के लिए पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति व स्वच्छ भारत में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय उनकी सोच को बताते है। केंद्र ने स्वच्छ भारत में शौचालय निर्माण के लिए प्रति शौचालय की राशि को 12 हजार रूपए से कम करके 4 हजार रूपए कर दिया है, शत-प्रतिशत केंद्र सहायतित एससी व एसटी की पोस्ट मेट्रिक स्कालरशिप के लिए राज्यों को सहायता राशि नहीं दे रहे हैं, उससे साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार के पास विचार व विजन का अभाव है। मैं पहला मुख्यमंत्री हूं, जिसे कुम्भ या अर्द्धकुम्भ के आयोजन के लिए केन्द्र द्वारा कोई सहायता नही दी गई है। परन्तु हमने अपने संसाधनों से अर्द्धकुम्भ में पिछले कुम्भ की तुलना में दोगुना स्थायी कार्य किए है। मुझे आश्चर्य है कि, जो लोग हिन्दुत्व की बात करते है, वे गंगा के किनारे हो रहे अर्द्धकुम्भ में कोई सहयोग नही कर रहे है। यहां तक की नीति आयोग द्वारा 167 करोड़ रूपये की संस्तुति किए जाने के बावजूद कोई सहायता नही की गई है। उत्तराखण्ड में पुनर्निर्माण का कार्य चल रहे है। नितिन गडकरी जी ने चारधाम सड़कें देने की बात कही है। उमा भारती जी भी गंगा के लिए कोशिश कर रही है।
15. प्रधानमंत्री मोदी को केदारनाथ के लिए व्यक्तिगत निवेदन किया है: मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी को व्यक्तिगत रूप से केदारनाथ धाम आकर वहा किए गए कार्यों का जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने हां भी कही है। हालांकि मेरे हर आग्रह पर उन्होंने हां किया है, पर अभी तक दिया कुछ नही है।