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“उत्तराखण्ड की बेटियों का सम्मान” कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: महिलाओं के लिए जो योजनाएं शुरू की जा रही है, उन योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों को उत्तराखण्ड

में बड़े बदलाव के लिए तैयार करना होगा। इसके लिए ऐसे महिला स्वंय सहायता समूह, जो किसी कारण से बंद हो गये है अथवा डिफाल्टर है, को फिर से पुनर्जिवित करने के लिए राज्य सरकार सहयोग प्रदान करेगी। शिक्षा व जेल विभाग में की जाने वाली सरकारी खरीद के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित किया जायेगा। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आई.सी.डी.एस.विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘‘उत्तराखण्ड की बेटियों का सम्मान’’ के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर प्र्रदेश में गोद भरायी और अन्नप्रासन्न योजना शुरू करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए 28 बालिकाओं/किशोरियों को सम्मानित भी किया। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली बालिकाओं को टैबलेट भी वितरित किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर मिशन घर वापसी पोर्टल का भी शुभोरंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के विकास में महिलाओं का अहम योगदान है। इस भागीदार को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन बालिकाओं को सम्मानित किया गया है, उन्हें दिल्ली की सैर भी करायी जायेगी, जिसकी आई.सी.डी.एस. विभाग योजना बनायेगा। प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा निर्भया प्रकोष्ठ की स्थापना समस्त जनपदों में करने के लिए शासनादेश निर्गत कर दिया गया है। निर्भया प्रकोष्ठ में निःशुल्क परामर्श कानूनी सलाह प्राप्त कर उसका लाभ उठाया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात में वृद्धि करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। जल्द ही उत्तराखण्ड देश के उन राज्यों शामिल होगा, जहां पर लिंगानुपात की स्थिति बेहतर है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नारी निकेतन के लिए भी ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अब वहां पर मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं और सामान्य महिलाओं को अलग-अलग रखा जायेगा, उनके बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति बेहतर की जा रही है, वहां पर साफ पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही भरण पोषण दिवस के अवसर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है। नंदादेवी और गौरा देव कन्या धन योजना के अच्छे परिणाम सामने आये है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर खेल, शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया। जिनमें माउंटनियरिंग के लिए ताशी व नुग्शी, स्केटिंग के लिए श्रेष्ठा पैन्यूली, नैनीताल से बेदांगी जोशी, बाॅक्सिंग के लिए मोनिका, दीक्षाराज को कराटे, रक्षा रौतेला को ताइक्वांडो के लिए सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर हरिद्वार निवासी रेशमा खान को भी सम्मानित किया, उन्होंने एक बच्ची को गोद लिया था।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष बाल विकास एवं महिला सशक्तिकरण परिषद विजयलक्ष्मी गुसांई, प्रमुख सचिव आई.सी.डी.एस. राधा रतूड़ी, सचिव समाज कल्याण भूपिन्द्र कौर औलख, निदेशक आई.सी.डी.एस. विम्मी सचदेवा, जिलाधिकारी रविनाथ रमन, एस.एस.पी. सदानंद दाते आदि उपस्थित थे।

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