देहरादून: राज्य के शिल्पियों द्वारा शिल्प कला के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्यो एवं शिल्प क्षेत्र में उनके लंबे अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें सम्मान दिये
जाने हेतु बुधवार को न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा राज्य के 23 शिल्पियों को ‘‘उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार‘‘ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में शिल्पकला व छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने में राज्य शिल्परत्न पुरस्कार मील का पत्थर साबित होंगे।कोई भी अर्थव्यवस्था शिल्पकला को प्रोत्साहित किए बिना विकसित नहीं हो सकती है। शिल्परत्न से सम्मानित लोग आगे की पीढी को भी अपना हुनर सिखाने का काम करें। वे दूसरों के लिए लाईटहाउस के तौर पर प्रेरित करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे राज्य में आर्टीजनशिप (शिल्पकला) को सामाजिक स्वीकार्यता रही है। परंतु विकास की कुछ ऐसी दिशा रही कि हम अपने गांवों के कारीगरों व शिल्पकारों के हुनर की कद्र नहीं कर पाए। काम के अभाव उन्हें अपने गांवों से बाहर जाना पड़ा। अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी हस्तशिल्प की महŸाा को स्वीकार किया है। एक ऐसा एक्ट लाया जाना चाहिए जिसके माध्यम से राज्य में बनने वाले भवनों में एक चैथाई हिस्सा उŸाराखण्डी भवन शैली का उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। पहले के भवनों में मिस्त्रियों द्वारा बनाए गए थे जो कि आज भी सुरक्षित खड़े हैं। नेपाल के भूकम्प में उन घरों को नुकसान नहीं पहुंचा जहां पारम्परिक शैली का प्रयोग किया गया था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम अपनी शिल्पकला को नहीं अपनाएंगे तो तरक्की सम्भव नहीं है। हमने अपनी खेती, शिल्प व संस्कृति को प्रोमोट करना प्रारम्भ किया है। राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार मील का पत्थर साबित होंगे। इस वर्ष 23 शिल्पियों को सम्मानित किया गया है। अगले वर्ष यह संख्या 50 की जाएगी। और प्रयास किया जाएगा कि प्रथम तीन शिल्पियों को परेड़ ग्राउन्ड में आयेाजित मुख्य कार्यक्रम में सम्मानित किया जाए। हमें अपना फोकस क्षेत्र तय करके जबरदस्त तरीके से आगे बड़ना होगा। सूक्ष्म व लघु उद्योग विभाग मास्टर क्राफ्ट वूमेन तैयार करे। हम राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थानीय क्राफ्ट के सराय स्थापित करने जा रहे हैं। दिल्ली, मुम्बई व लखनऊ स्थित उŸाराखण्ड भवनों में कुछ हिस्सा हिमाद्री के उत्पादों, उŸाराखण्डी व्यंजनों के लिए रिजर्व रखा जाएगा। शिल्पी पेंशन के साथ ही मास्टर क्राफ्ट वूमेन के लिए मानदेय तय किया जाएगा।
सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के दिशा निर्देश पर उŸाराखण्ड में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि घर-घर में शिल्पकारी हो। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिल्प को मार्केट से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। राज्य की परंपरागत शिल्प कला के संरक्षण, संवर्द्धन प्रोत्साहन एवं शिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर राज्य के सभी जनपदों से 23 शिल्पियों को मुख्यमंत्री श्री रावत एवं श्रम मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल द्वारा सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह, प्रमाण पत्र, अंगवस्त्र एवं एक लाख रूपये की राशि का चैक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया। सम्मानित किये गये शिल्पियों में जनपद देहरादून से श्रीमती महेश्वरी खाती (प्राकृतिक रेशा) एवं सुन्दर लाल (हथकरघा), जनपद टिहरी गढ़वाल से प्रकाश मोहन चन्दोला(प्राकृतिक रेशा, जूट, ऊनी शिल्प), जनपद नैनीताल से रामलाल (काष्ठ कला शिल्प), जनपद पौडी गढ़वाल से मुरलीधर टम्टा(काष्ठ कला शिल्प), जनपद बागेश्वर से राम प्रसाद टम्टा (ताम्र शिल्प), दुलप राम टम्टा (ताम्र शिल्प) एवं शिवलाल टम्टा(ताम्र शिल्प), जनपद अल्मोडा से हरी राम (काष्ठ कला शिल्प), बलवन्त टम्टा(ताम्र शिल्प), गोविन्द सिंह बिष्ट (हथकरघा शिल्प कला) एवं कुन्दन सिंह मर्तोलिया(हथकरघा शिल्प कला), जनपद पिथौरागढ से राजेन्द्र सिंह (काष्ठ शिल्प), पुष्कर राम(काष्ठ कला शिल्प), जनपद चम्पावत से जोगा राम (लोह कला शिल्प) एवं जगदीश चन्द्र (काष्ठ शिल्प), जनपद रूद्रप्रयाग से ओम प्रकाश(काष्ठ शिल्प), सुन्दर सिंह रावत(हथकरघा शिल्प कला), जनपद चमोली से अबली लाल (रिंगाल), प्रेम लाल(काष्ठ शिल्प/पाषाण कला, भवन कला) एवं धरम लाल (काष्ठी कला), जनपद उत्तरकाशी से सकल चन्द(काष्ठ शिल्प) एवं जनपद ऊधमसिंह नगर से नसीम जावेद (हथकरघा शिल्प कला) सम्मिलित थे।