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उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ देहरादून के जिला सम्मेलन व शैक्षिक विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारे जाने के लिए न केवल गम्भीरता से चिंतन किए जाने की आवश्यकता है बल्कि आवश्यक सुधारों को तत्काल क्रियान्वित भी किया जाना होगा।

हिंदु नेशनल इण्टर कालेज में उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ देहरादून के जिला सम्मेलन व शैक्षिक विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षा में जितना निवेश किया गया है, उसका प्रतिफल स्तरीय शिक्षा के रूप में मिलना चाहिए। सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या वेकअप काॅल की तरह है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उन्होंने तीन सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले प्राईवेट स्कूलों व रेडम आधार पर तीन सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों की योग्यता व वहां मिलने वाले वेतन व सुविधाओं के बारे में रिपोर्ट मंगवाई। बड़ी प्रसन्नता की बात है कि सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों की योग्यता व उन्हें मिलने वाले वेतन व सुविधाएं प्राईवेट स्कूलों के अध्यापकों की तुलना में काफी बेहतर है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जब सरकारी अध्यापक योग्यता व वेतन भत्तों में प्राईवेट अध्यापकों से कहीं बेहतर स्थिति में हैं तो क्या कारण है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता प्राईवेट स्कूलों जितनी नहीं है। सभी शिक्षकों को इस पर विचार कर प्रदेश में स्तरीय शिक्षा के लिए रोड़मैप तैयार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई कमी नहीं है। हमारे यहां जनसंख्या के अनुपात में सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों, पालिटेक्नीक, आईटीआई की संख्या दूसरे प्रदेशों की तुलना में अधिक है। परंतु इसका प्रतिफल नहीं मिल पा रहा है। पिछले कुछ समय में हमने इसके लिए प्रयास किए हैं। आज दूर दराज के गांवों में भी अध्यापक नियुक्त कर दिए गए हैं। शिक्षकों के स्थानांतरण नीति बनाकर सख्ती से लागू किया गया है। अध्यापकों का ब्लाॅक कैडर भी बनाया गया है। शिक्षकों की सभी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। परंतु अभी सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि सभी मांगों को पूरा किया जा सके। केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं में मिलने वाली सहायता को 90:10 से बदलकर 50:50 अनुपात कर दिया है। इस विŸाीय वर्ष में लगभग 2400 करोड़ रूपए की सहायता कम मिलेगी। अब हमें प्रदेश में विकास की गति को बनाए रखने के लिए स्वयं के आर्थिक संसाधन विकसित करने होंगे। शिक्षकों को भी कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना होगा। यदि आवश्यकता हुई तो शिक्षकों की भर्ती के लिए मेडिकल चयन बोर्ड की तर्ज पर शिक्षक चयन बोर्ड बनाये जाने पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि तमाम कर्मचारी संघ अपनी मांगों के लिए आंदोलन के बजाय समाधान का तरीका लेकर आएं।
शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने केबिनेट में 227 तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का निर्णय लिये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 168 अशासकीय विद्यालयों को अनुदान सूची में लाया गया है। शिक्षकों के स्थानांतरण में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इंटरकालेज व हाईस्कूल में 5000 गेस्ट टीचर नियुक्त किए जा चुके हैं।
कार्यक्रम में शिक्षक संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष राजेश सिंह नेगी, संरक्षक प्रेम सिंह सजवाण, जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण, जिलामंत्री अनिल कुमार नौटियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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