देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को न्यू कैन्ट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत विश्व बैंक की सहायता से भवन स्वामी संचालित आवास निर्माण योजना (ओडीसीएच) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आपदा ग्रस्त 05 जनपदों के लाभार्थियों को भवन निर्माण कार्यपूर्ति एवं इन्सोरेंश प्रमाण पत्र प्रदान किये।
इनमें वे लाभार्थी सामिल थे, जिन्होंने उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के तहत विश्व बैंक की 05 लाख की सहायता से आपदा से क्षतिग्रस्त भवनो का पुनर्निर्माण किया है।
इस अवसर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा का दंश झेलने वाले लोग, उस विपदा को पीछे छोडकर आगे बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि विपदा जीवन को कष्ट देती है, किन्तु जीवन का चक्र आगे चलता है। जितनी हिम्मत के साथ हम जीवन को आगे ले जायेंगे, उतनी ही जिन्दगी आगे सरल होगी। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश का आधिकांश भू-भाग भूकम्प के जोन-4 व 5 में है। हमारा प्रयास है कि हम जोन 05 के क्षेत्र के भवनों को भूकम्परोधी बनाने के लिये कोई योजना बनाये ताकि आपदा के समय कम से कम हानि उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि आपदा से क्षत्रिग्रस्त भवनों का जिन्होंने इस योजना के अधीन निर्माण किया है, वे ओरों के लिये भी प्ररेणादायी होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन अबतक 1221 भवन निर्मित हो चुके है और इतने ही ओर भवन शीघ्र तैयार हो जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री रावत कहा कि आपदा के समय जिस टीम भावना के साथ कार्य किया गया, वह हमारे समाज की ताकत है, सभी के सहयोग से हम विपदा से पार पाने में सफल हो सके है। इसमे सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों, संगठनों व समाजसेवियों का भी योगदान है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने आपदा की विपदा का सामना करने वालो को शूरमा बताते हुए कहा कि देश के अन्य भागों में भी आपदा आयी, किन्तु आपदा के बाद जितनी जल्दी यहा कार्य हुआ वह सराहनीय रहा, इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देर्शो तथा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के तहत आपदा के बचाव व जन जागरण पर ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने राज मिस्त्रियों को आपदारोधी भवन निर्माण का प्रशिक्षण देने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्र्याे में टीम भावना के साथ कार्य करने का परिणाम है कि हम लोगों की आपदा की पीड़ा को कम कर पाये है। उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के कार्यक्रम निदेशक अमित नेगी ने योजना के क्रियान्वयन की जानकारी दी तथा कार्यक्रम प्रबन्धक श्रीधर बाबू अदांकी ने आभार व्यक्त किया। जनपद पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रूद्रप्रयाग व उत्तरकाशी से आये लाभार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। विश्व बैंक के सौरभ दानी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।