देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश को ईको-टूरिज्म पालिसी को अन्तिम रूप देने के लिए वन विकास निगम मुख्यालय अरण्य भवन में मा0 मंत्री वन, एवं वन्यजीव खेल, विधि एवं न्याय विभाग, उत्तराखण्ड सरकार श्री दिनेश अग्रवाल की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। गई।बैठक में मा0 मंत्री द्वारा पर्यटन सलाहकार परिषद के सदस्यों के सुझाव एवं विचार सुनते हुए उन्हे उपयोगी बताते हुए पालीसी में शामिल करने का आश्वसन दिया। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य देश का ऐसा राज्य है जिसके पास बहुत सी विविधताएं है तथा किसी न किसी क्षेत्र में कुछ न कुछ देने के लिए है। उन्होने कहा कि सरकार का उद्देश्य ईको-टूरिज्म तथा टूरिज्म को विकसित कर आर्थिकी से जोड़ना है। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में जब तक सरकार तथा जनता की सहभागिता नही होगी इसमें विकास किया जाना सम्भव नही हो पाएगा। इसलिए लोगों की सहभागिता इसमें होनी जरूरी है। उन्होने कहा कि ईको-टूरिज्म विकसित करने के लिए स्थानीय लोगों की सहभागिता आवश्यक है। जिसके लिए ग्रामीण टूरिज्म को बढावा देना है। उन्होने कहा कि वन विभाग के जो भी पुराने गेस्ट हाउस हैं उन्हे पुराने स्वरूप में ही जीर्णोद्धार किया जाए तथा जो नए गेस्ट हाउस बनाये जाएगें उन्हे पुराने स्वरूप में ही विकसित किया जाए। उन्होने यह भी कहा है कि उत्तराखण्ड देवभूमि है तथा यहंा पर देवी देवताओं का वास है जिसके लिए प्राचीन मन्दिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होने यह भी कहा कि प्रदेश में कई ऐसे तालाब है जिनमें पानी सुखने के कारण विलुप्त के कगार पर है इसके लिए जलसंवर्द्धन पर विशेष जोर देना है, जिसके लिए सरकार द्वारा हेरेला कार्यक्रम भी किये जा चुके, तथा ’हमारा पेड़ हमारा धन’ योजना को लागू किया गया है। उन्होने यह भी कहा है कि प्रदेश में ईको- टूरिज्म को विकसित करने से पर्वतीय क्षेत्रों में निवास कर रहे बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा तथा पहाड़ो से हो रहे पलायन रोकने में कारगर होगा। उन्होने यह भी कहा कि ग्रीन इण्डिया योजना में जो धनराशि उपलब्ध है इस क्षेत्र तथा जलसंवर्द्धन के लिए भी उपयोग में लाई जा सकती है। उन्होने कहा कि ईको-टूरिज्म को विकसित करने के लिए अगली बैठक मुंन्श्यारी में आयोजित की जाएगी।
प्रमुख सचिव वन डाॅ रनबीर सिंह ने कहा कि ईको-टूरिज्म को विकसित करने के लिए जो समिति के सदस्यों द्वारा जो सुझाव/विचार रखें गये है उन पर गहनता से चर्चा की जाएगी तथा इसके लिए नई दिशा, नई गाइड लाइन तैयार कर कैबिनेट में रखा जाएगा।
इस अवसर पर समिति के सदस्यों द्वारा अपने विचार रखे गये जिसमें सदस्यों द्वारा क्षेत्र की शिक्षा में सुधार एवं मार्केटिंग व्यवस्था को सुव्यवस्थित कर वहां के बच्चों को प्रशिक्षित करना तथा स्थानीय लोगों की सहभागिता तथा टेªक रूट विकसित करना तथा लुप्त हो रहे पारम्परिक व्यवसायों को बढावा देना तथ उन्हे नई तकनीक एवं डिजाईन से स्थानीय उत्पादों को विकसित करने पर जोर दिया।