देहरादून: प्रदेश के मत्स्य पालन, पशुपालन एवं शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने आज विधान सभा स्थित सभागार में उत्तराखण्ड राज्य मत्स्य
पालक विकास अभिकरण की प्रबन्ध समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रक्षेत्रों/हैचरियों के अन्तर्गत मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मत्स्य बीजों के उत्पादन के लिए कार्ययोजना बनाकर हैचरियों में हर समय पर्याप्त मात्रा में ब्रुडर उपलब्ध करवायें जायें, जिससे मत्स्य उत्पादन में कमी न हो।
प्रदेश में कुल 15 मत्स्य प्रक्षेत्र एवं हैचरियाॅ स्थापित हैं, जिनमें से वर्तमान में जनपद ऊधमसिंह नगर के हेमपुर हैचरी एवं मत्स्य प्रक्षेत्र धौरा में मत्स्य उत्पादन की दर अच्छी है। अन्य प्रक्षेत्रों/हैचरियाॅं में मत्स्य उत्पादन कम हो रहा है। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मत्स्य उत्पादन में कमी नहीं होनी क्योंकि कुछ जनपदों में लोग इस व्यवसाय को अपना जीविकोपार्जन भी कर रहे हैं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इसलिए विभागीय अधिकारी पूरा ब्यौरा बनाकर प्रस्ताव लायें जिससे सरकार मत्स्य किसानों को सब्सिडी के दायरे में लाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पुरानी हेचरी जो जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं उनके सुदृढ़ीकरण करने के कार्य शीघ्र किये जायें।
मत्स्य बीज ब्रडिंग सीजन में दिन रात अतिरिक्त कार्य करने वाले क्लास दो से नीचे के कार्मिकों के लिए मंत्री ने अतिरिक्त कार्य के बदले अतिरिक्त पारिश्रमिक दिये जाने की भी घोषणा की। जो कार्मिक ब्रीडिंग सीजन में ओवर टाइम कार्य पर रहेंगे उन्हें पुरस्कार स्वरूप दो हजार रूपया प्रति माह वेतन के साथ दिया जायेगा। साथ ही अभिकरणो में प्रतिवर्ष कार्मिकों को उत्कृष्ठ कार्यों हेतु मानदेय पुरस्कार के रूप में भी पुरस्कार राशि प्रदान की जायेगी। किन्तु यह कर्मचारी की सालान कार्य कुशलता और वार्षिक प्रविष्टि पर निर्भर करेगी। इसके लिए भी अभिकरण के अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
प्रयोग के तौर पर प्रदेश के जलाशयों में मत्स्य विकास एंव मत्स्य उत्पादन को बढ़ाये जाने हेतु केज पद्धती अपनाये जाने के सुझाव पर श्री पंवार ने अपनी सहमती जताते हुए कहा कि पहले चरण में उपयुक्त जलाशयों को चिन्हित कर योजना अमल में लायी जाये। योजना के सफल परिणाम आने पर केज कल्चर को प्रदेश भर में लागू किया जायेगा।
अधिकारियों ने अवगत कराया कि हेमपुर हैचरी में फीड मिल स्थापना कार्य पूर्ण कर लिये गये है। उक्त फीड मिल से प्रदेश के समस्त जनपदों हेतु मत्स्य आहार तैयार कर वितरित किया जाना है। फीड मील संचालन एवं मत्स्य आहार तैयार किये जाने हेतु हैचरी पर उपलब्ध स्टाफ के अतिरिक्त कार्मिकों की आवश्यकता है। विभाग द्वारा टी.एच.डी.सी. की कोटेश्वर स्थित हैजरी को भी अधिग्रहित किया गया है साथ ही जनपद पौड़ी के श्रीनगर में श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत डेम निर्मित किया गया है। वर्तमान में उक्त परियोजना चालू है। इसके अतिरिक्त टी.एच.डी.सी. की जल विद्युत परियोजना अन्तर्गत जनपद टिहरी में कोटेश्वर डैम निर्मित हुआ है उक्त दोनों डैम में अभिकरण द्वारा ठेका पद्धति के माध्यम से मत्स्य शिकारमाही कार्य संचालित किये जाने प्रस्तावित है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मत्स्य डा0 रणबीर सिंह, निदेशक/सचिव उत्तराखण्ड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण जी0बी0ओली, गढ़वाल विश्वविद्याल के प्रो0 जे0पी0भट्ट, शीतजल मात्स्यिकी निदेशक डा0 एन.एन.पाण्डेय, अपर सचिव वित्त श्रीधर बाबू, वन संरक्षक जन्मेजय सिंह और अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विभाग हर्ष कुमार कटियार सहित मत्स्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।