देहरादून: स्वतंत्रता सेनानी, सैनिकों तथा राज्य आंदोलनकारी के परिवारों के कल्याण व संरक्षण के लिए कार्य करना तथा उनका मार्गदर्शन प्राप्त करना हमारा राजकीय कर्तव्य है। राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार राज्य की धरोहर है। इस धरोहर का सरंक्षण व देखरेख राज्य सरकार की प्राथमिकता है। शीघ््रा ही स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी कल्याण परिषद का गठन किया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य के पास सीमित संसाधन है हमें इन संसाधनों को समानता से बांटकर उपयोग करना होगा। शीघ्र ही ऐसी ठोस निति बनाई जाएगी जिससे स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का और अधिक कल्याण हो सके। इस सम्बंध में केन्द्रीय गृहमंत्री से भी पत्र द्वारा अनुरोध किया गया है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के विद्यालयों, काॅलेजो तथा विभिन्न सस्ंथाओं का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है इस प्रायोजन हेतु जिला अधिकारियों को स्टेडिंग आदेश जारी कर दिये गये है यदि कोई स्वतंत्रता सेनानी इस योजना के अन्र्तगत छूट गया हो तो इस सम्बन्ध में सूचना शासन को भेजी जा सकती है साथ ही किस संस्था का नाम रखा जाना है उसके सम्बन्ध में अपने सुझाव भी भेजी जा सकती है। राज्य सरकार भविष्य में स्वतंत्रता सेनानियों को दी जाने वाले सुविधाओं तथा लाभों को सकारात्मक रूप से आवश्यकतानुसार निरन्तर संशोधित करती रहेगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को उत्तराखण्ड स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के पूर्व अध्यक्ष स्व0 बुद्धि प्रकाश जी की पुण्यतिथि पर आयोजित महाधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में उपरोक्त विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की प्रथम पीढ़ी को सम्मान पेंशन प्रदान करने हेतु मुख्यंमत्री श्री रावत का आभार व्यक्त किया गया। उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य है जिसने यह ऐतिहासिक निर्णय लेने का गौरव प्राप्त किया है। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों ने मुख्यमंत्री का राज्य सरकार द्वारा सेनानी परिवारों के हित में लिए विभिन्न निर्णयों हेतु भी आभार व्यक्त किया जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों की प्रथम पीढ़ी को निशुल्क चिकित्सा व भोजन, उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में राज्य तथा राज्य के बाहर भी जहाॅ तक निगम की बस सेवा है में निशुल्क यात्रा सुविधा, डेढ़ हैक्टेयर भूमि का आवंटन, सेनानियों के सभी पुत्र, पुत्रियों व विधवा पुत्रियों को योजनाओं का लाभ आदि प्रमुख है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी हमारे लिए लाइट हाउस की भांति है जो हमें रास्ता दिखाने का कार्य करते है अतः हमें अपने प्रकाश स्तंभों को सदैव याद रखना होगा। स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा देश के लिए किये गये त्याग, बलिदान व योगदान का वर्णन करना सूरज को दीपक दिखाने जैसा हैं। वे अद्भुत लोग थे। आज हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक है सभी को कानून का समान संरक्षण प्राप्त है। वह महान लोग थे जिन्होंने उस साम्राज्य के विरूद्ध आवाज उठायी जिसका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। गांधी जी, प0 नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, डा0 अम्बेडकर आदि ने स्वतंत्रता आंदोलन को अपने अपने तरीके से सहयोग दिया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे राजनीतिक विचार भिन्न है परन्तु राष्ट्र की नींव के रूप में कुछ मूल्य शाश्वत है। गांधी, नेहरू, अम्बेडकर द्वारा स्थापित विचार तथा धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, समानता, संहिष्णुता, एकता के मूल्य शाश्वत है। भारत को 15 अगस्त 1947 को साम्राज्यवाद तथा छूआछूत की असमानता से एक साथ ही आजादी प्राप्त हुई थी। हमें उक्त बुनियादी शाश्वत मूल्यों को बनाये रखना होगा यह हमारा कर्तव्य है।
कार्यक्रम में संगठन के महामंत्री एन डी जोशी, नवीन चन्द्र पाण्डे, मयंक शर्मा, ललित पंत, एच आर बहुगुणा, महेश बड़ाकोटी आदि उपस्थित थे।
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