देहरादून : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में उत्तराखण्ड की महान भूमिका रही है। यहां के दर्जनों स्थलों पर बलिदान की गौरव गाथा रची
गई हैं। महान स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम अंकित कराया है। देहरादून में उत्तराखण्ड स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के महाधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों, इनके उत्तराधिकारियों व राज्य आंदोलनकारियों के हितों के लिए तत्पर है। वर्ष 2016 की शुरूआत में उत्तराखण्ड स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी कल्याण परिषद का गठन कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे लोगों ने उस समय आजादी की लौ जगाई जब यहां संचार के नाम मात्र के साधन भी नहीं थे। उन्होंने राज्य में आजादी की लड़ाई में विभिन्न स्थानों पर हुए बलिदानों व अमर संघर्ष को याद करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए जो सर्वोच्च बलिदान किया, आज उसके बारे में सोचना भी कल्पनाशक्ति के बाहर है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित स्वतंत्रतासंग्राम सेनानियों को सम्मानित भी किया। इस मौके पर भारत भूषण, सच्चिदानंद पैन्यूली, रणजीत सिंह वर्मा, वीएस नेगी सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।