देहरादून: प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राधा रतूड़ी से उत्तराखण्ड सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने अपने मांगो से संबंधित ज्ञापन प्रमुख सचिव को सौपा। प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगो पर गंभीरता से विचार किया जायेगा।
राशन विक्रेताओं को मिलने वाले लाभांश में वृद्धि करने व विपणन की व्यवस्था दुरूस्त करने सहित अन्य मांगों पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना का लाभ प्रदेशवासियों को मिल सके इसके लिए सभी राशन विक्रेता अपना पूर्ण सहयोग दे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत पात्र लोगो के राशन कार्ड का डिस्टिाइजेशन कार्य पूर्ण हो चुका है। राज्य सरकार राशन विक्रेताओं के हितों का पूरा ध्यान रखेगी। उत्तराखण्ड सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि राज्य सरकार उनकी आय के लिए भी कोई ठोस योजना बनाये। हिमांचल सहित कुछ अन्य राज्यों में राशन विक्रेताओं को मिनी को-आपरेटिव स्टोर के रूप में संचालित करने की अनुमति है। इससे उपभोक्ताओं को सस्ता सामान भी मिल सकेगा। इस पर प्रमुख सचिव ने मुख्य विपणन अधिकारी खाद्य विभाग को निर्देश दिये कि अन्य राज्यों का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के विपणन की भी व्यवस्था कर रही है। जनता को सस्ता और गुणवत्तायुक्त सामान मिल सके, इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रमुख सचिव ने कहा कि राशन विक्रेताओं को निराश होने की आवश्यकता नही है, उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। सरकार के पास सीमित संसाधन है, उसी के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उत्तराखण्ड सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा जो मांगी रखी गई है, उन्हे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा। प्रमुख सचिव ने मुख्य विपणन अधिकारी को निर्देश दिये कि आर.एफ.सी. गोदाम में विपणन व्यवस्था दुरूस्त की जाय। इसके साथ ही राशन विक्रेताओं के साथ समय-समय पर बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं को सुना जाय।