देहरादून: विकास एक भागीदारी है। राष्ट्रीय, प्रांतीय व स्थानीय स्तर पर आपसी सहभागिता से ही विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है। नगर निगम के टाउन हाल में राठ जनविकास समिति के 15 वें स्थापना दिवस
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सहभागिता से विकास का उदाहरण राठ क्षेत्र है। यहां के लोगों का अपनी धरती से जुड़ाव रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि तरक्की के तीन मूल मंत्र हैं। शिक्षा, खेती व शिल्प कला। इन तीनों मंत्रों पर जनभागीदारी बना दें तो बड़ा परिवर्तन आ जाएगा। हमें सामूहिक विकास की बात करनी चाहिए। राठ क्षेत्र के विकास के लिए राठ क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए पहले से दी गई राशि के अतिरिक्त 2 करोड़ रूपए और दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने राठ जनविकास समिति केा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 2 लाख रूपए की स्वीकृति भी दी। मांडाखाल में ‘‘डा. शिवानंद नौटियाल स्मृति द्वार’’ बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यदि हम सप्ताह में एक दिन भी पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित अनाज, फल व सब्जियों का उपभोग करें तो यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। हमने गर्भवती महिलाओं को 2 किग्रा मंडुवा, एक किग्रा काला भट, देना प्रारम्भ किया है। इससे मंडुवे की मांग में वृद्धि हुई है। अब मंडुवा उत्पादकों को अच्छी कीमत मिल रही है। इसी प्रकार बदरीनाथ में मंदिर समिति के सहयोग से श्रद्धालुओं को चैलाय के लड्डू उपलब्ध करवाना प्रारम्भ करने से चैलाय की कीमत में बढोतरी हुई है। अब हम विदेशों में चैलाय के मार्केट की सम्भावनाएं तलाश रहे हैं। इसी प्रकार कद्दू, माल्टा, नींबू की भी अच्छी कीमत मिल रही है। हमारे द्वारा की गई छोटी-छोटी पहलों के उत्साहवर्धक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अगर हम अपने मकान में पर्वतीय शिल्प को प्रमुखता दे तो हमारे शिल्पकारों व कारीगरों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्यक्रम में ‘‘राठ बयार’’ स्मारिका का विमोचन किया और श्री सचिदानंद भारती को संस्था की ओर से ‘‘राठ गौरव’’ से सम्मानित किया। इसके साथ ही वर्ष 2015 में विकास खण्ड पाबौ व थलीसैण में इंटरमीडिएट व हाईस्कूल में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानपत्र भी दिया। इस अवसर पर केदारनाथ-बदरीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष व विधायक गणेश गोदियाल, समिति के अध्यक्ष डा.आरके पंत, महासचिव शेखरानंद रतूड़ी, जनरल जीएस नेगी, देहरादून नगर निगम के मेयर विनोद चमोली सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।