देहरादून: शनिवार को बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में उत्तराखण्ड नर्सिंग सर्विसेज एसोसियेशन के पदाधिकारियों, उत्तराखण्ड शासन व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें नर्सिंग संघ की मांगों पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि नर्सिंग संवर्ग के ढांचे को सुदृढ़ किया जाए।
तय किया गया कि नर्सिंग संवर्ग का पृथक से निदेशालय स्थापित किया जाएगा। इसमें अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक के पद नर्सिंग के लिए सृजित किए जाएंगे। नर्सिंग कर्मियों को पदोन्नति के अवसर मिल सकें, इसके लिए आवश्यक होने पर सेवा शर्तों में शिथिलता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नर्सिंग का व्यवसाय बहुत ही पवित्र है और नर्सिंग कर्मियों के लिए सम्मानजनक सेवा शर्तों का प्राविधान करने के लिए सरकार तत्पर है। परंतु गे्रड-पे उच्चीकृत किए जाने की मांग को माना जाना प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार के लिए सम्भव नही है। यदि ऐसा किया जाता है तो अंतर कैडर संघर्ष की स्थिति हो जाएगी। सातवें वेतन आयोग के आने पर एक बार फिर से नर्सिंग संघ के साथ विचार विमर्श कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए नर्सिंग एसोसियेशन काम पर लौट आएं। यदि वे तुरंत काम पर वापिस आ जाते हैं तो किसी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नही की जाएगी। इस पर नर्सिंग संघ के पदाधिकारियों ने अपनी सहमति व्यक्ति देते हुए हड़ताल को तत्काल प्रभाव से वापिस लेने के प्रति आश्वस्त किया।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सुरेद्र सिंह नेगी, मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य ओमप्रकाश, सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य भूपेंदर कौर औलख, सचिव चिकित्सा शिक्षा आरके सुधांशु, सचिव वित्त अमित नेगी, आरसी जोशी, महानिदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण डा.आरपी भट्ट, उत्तराखण्ड नर्सिंग सर्विसेज एसोसियेशन की अध्यक्ष कु0अंजना भौमिक व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।