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उत्तराखण्ड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रथम सम्मेलन को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि राज्य के समक्ष सबसे बड़ा सवाल कार्यसंस्कृति को सुधारने का है। जनता मे यह विश्वास उत्पन्न करना होगा कि सिस्टम की प्राथमिकता जनसाधारण का हित है। राज्य सरकार प्रदेश में विश्वास का वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री रावत उत्तराखण्ड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रथम सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के सभी लम्बित मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया है। यह कोशिश भी की जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को पहले साल ही लागू कर दिया जाए। साथ ही उत्पन्न विसंगितयों को एक टाईमफ्रेम में दूर कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज भी राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सुविधाओं की कमी है। लगभग 30 प्रतिशत आपदा प्रभावित लोगों को रोजगार की संतोषजनक व्यवस्था की जानी है। हमारी प्राथमिकता सुविधाओं से वंचित जनसाधारण हैं। राज्य में आर्थिक स्थायित्व कर्मचारियों के हित में है। इसके लिए जनता का विश्वास अर्जित करना भी जरूरी है। हमने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जनता पर कुछ आर्थिक भार डाला। परंतु आम जनता को मालूम है कि ऐसा किया जाना अतिआवश्यक था। इसलिए इसका विरोध जनता द्वारा नहीं किया गया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि समस्याओं का समाधान सड़कों पर नहीं किया जा सकता है। आपसी बातचीत से हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। हमे व्यापक हित देखना चाहिए। सबको साथ लेकर चलने से ही इतिहास बनता है।

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