देहरादून: उत्तराखंड हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों को आरटीओ का अधिकार मिलने जा रहा है। प्रदेश के पुलिस जवानों को अभी आरटीओ के अधिकारी की तरह से नो पार्किंग जोन, ट्रैफिक के नियमों को तोड़ वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार नहीं है। ऐसे में डीजीपी ने मुख्यसचिव एन रविशंकर के साथ मुलाकात करके पुलिस जवानों को और अधिक विभागीय अधिकार देने का प्रस्ताव दिया है।
दोनों अधिकारी के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस बात की आम सहमित भी बनी हैं कि जल्द ही पुलिस जवानों को वाहनों के चालान काटने के अधिकार मिल जाएंगे। गौरतलब है प्रदेश में पुलिस जवानों को अभी नो पार्किंग जोन, वाहनों के चालान काटने व सीज करने के साथ यातायात के नियमों को तोड़ने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अधिकारी नहीं है।
पुलिस जहां 100 तक वाहनों के चालान करती है, वहीं आरटीओ के अधिकारियों की तरह से अधिकार मिलने पर 500 रुपए तक पुलिस चालान काटेगी। इससे जहां पुलिस के राजस्व बढ़ जाएगा। साथ ही यातायात के नियमों को तोड़ने वालों को मोटी रकम का जुर्माना देना होगा। प्रदेश में जल्द यातायात के नियमों को तोड़ने वालों को महंगे चालान के जुर्माने की राशि जमा करनी होगी।
डीजीपी बीएस सिद्धू का कहना है कि इससे लोग यातायात के निमयों को कम तोड़ेंगे, साथ ही नो पार्किंग जोन भी वाहन नहीं होंगे जिससे शहर में जाम की स्थिति भी कम हो जाएगी । उनका कहना है कि अभी जुर्माने की धनराशि इनती कम है कि लोग आसानी से 100 रुपए जमाकर घण्टों नो पॉर्किंग जोन में वाहनों को खड़ा कर देते हैं, लेकिन जब जुर्माने की धनराशि ज्यादा हो जाएगी तो कोई भी वाहन ऐसे स्थान पर नहीं खड़ा करेगा।
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