देहरादून: सचिवालय स्थित सभाकक्ष में उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, उधमसिंहनगर के बोर्ड आॅफ गवर्नर्स की पंचम बैठक अध्यक्ष, बोर्ड आॅफ गवर्नर्स/ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मंत्री प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बोर्ड कर 2016-17 का प्रस्तावित बजट 149 लाख, संस्थान की जीर्ण-शीर्ण छात्रावास के ध्वस्तीकरण आंगणन, संविदा में कार्यरत संकाय/कर्मचारियों के विनियमितिकरण के लिये नियमावली का अनुमोदन, पंचायत संकाय सम्बंधित संस्थाओें में नये ढांचे का अनुमोदन सहित अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा वर्ष 2016-17 के लिये संस्थान द्वारा प्रस्तावित बजट 149 लाख 17 हजार को मंत्री द्वारा स्वीकृत किया गया, जिसमें संस्थान की कर्मियों के वेतन, भत्ते, प्रकाशन सामग्री, प्रशिक्षण मद आदि शामिल है। उन्होंने वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 में आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमो के प्रगति विवरण के अनुमोदन के प्रस्तावों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बिना बोर्ड अनुमति के खर्च को गम्भीरता से लेते हुए प्रकरण पर जांच करने के निर्देश प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पवांर को दिये। उन्होंने बिना बोर्ड गवनर्स की बैठक के इन 04 वर्षाें में किये गये खर्च पर आपत्ति जताते हुए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिये।
अध्यक्ष/मंत्री ने निर्णय लिया कि जब तक बोर्ड आॅफ गवनर्स से बजट पास नहीं किया जाता तब तक प्रस्तावित बजट केन्द्रांश हेतु भारत सरकार में ना भेजा जाय। कोई भी बजट बिना बोर्ड गवर्नर्स के स्वीकृति के बिना पास नहीं माना जायेगा। उन्होंने विगत वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक की संस्थान के बजट का महालेखाकार से आॅडिट कराने के निर्देश प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पवांर को दिये तथा बोर्ड आॅफ गवर्नर्स की बैठक साल में दो बार आयेाजित करने के निर्देश दिये। यह बैठक मार्च तथा अक्टूबर माह में कराये जाने का निर्णय लिया गया। और प्रत्येक तीन माह में संस्थान के कार्याें की समीक्षा बैठक भी कराने के निर्देश दिये। उन्होंने संस्थान को अधिक सुदृढीकरण करने के लिये विभिन्न विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान के माध्यम से ही कराने के निर्देश दिये, इसके लिये आयुक्त ग्राम्य विकास से प्रशिक्षण संचालित करने वाले विभागों की बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश दिये। तथा समस्त विभागाध्यक्षों को आदेशित करने के निर्देश दिये कि विभाग अपने-अपने शासनादेश नियमित रूप से संस्थान को भिजवाना सुनिश्चित करें।
बैठक में बोर्ड के सदस्य बीपी मैठानी द्वारा संस्थान को अधिक से अधिक स्वायतत्ता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया जिस पर मा. मंत्री द्वारा परीक्षण कराने का निर्देश प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को दिये गये। वर्तमान में यह संस्थान निदेशक एटीआई उत्तरखण्ड(नैनीताल) के अधीनस्थ कार्यरत है।