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उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड मुख्यालय का शिलान्यास करते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
हल्द्वानी: हल्द्वानी में 04 करोड 47 लाख की लागत से निर्मित होने वाले उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि0 के मुख्य भवन का प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत, वित्त मंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य ने वैदिक मंत्रों के साथ शिलान्यास किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सहकारिता एक आन्दोलन है। ग्रामीण भारत में बदलाव लाना और विकसित करना है तो सक्रिय सहकारिता अति आवश्यक है। सभी सहकारिता सदस्य आत्मीयता से कार्य कर छोटे और मझौले काश्तकारों को सहकारिता से जोडकर लाभान्वित करें। उन्होनें कहा कि सहकारिता ने विश्व के अनेक भागों एवं राष्ट्र के कई राज्यों में कृषि, डेयरी एवं कृषि आधारित व्यवसाय में विकास के क्रान्तिकारी आयाम स्थापित किये हैं।  सहकारी संस्थाओं को राज्य में स्वायत्ता दी जायेगी, ताकि सहकारिता राज्य के विकास में सहयोगी बनकर आगे बढें। सहकारिता के कार्यों में राज्य का कम से कम दखल हो ताकि वह स्वयं निर्णय लेकर आगे बढ़े। उन्होनें कहा कि सघन सहकारी समितियों को उपयोगी बनाने हेतु कार्ययोजना तैयार की जाये और सक्रिय होकर समितियों का गठन करें तथा सदस्यों की संख्या भी बढ़ायें। उन्होनें कहा कि सहकारी बैंक द्वारा गत वर्ष 01 हजार करोड का ऋण वितरित किया गया था, जिसे बढ़ाकर 1.5 हजार करोड ऋण वितरण करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता मंत्री की मांग पर 65 हजार करोड की धनराशि अनुपूरक बजट में रखने का आश्वासन दिया साथ ही राज्य सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक सुदृढ़ करने में पूर्ण सहयोग करने का भी आश्वासन दिया। उन्होनें कहा कि लीग से हटकर सोचने की जरूरत है। दूरस्थ गांव को गोद लेकर उनमें बैंक शाखाएं खोलकर ग्रामीणों के आर्थिक विकास करें ताकि पलायन को रोका जा सके।
वित्त मंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि काश्तकारों से जुडी सभी समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री की सभी घोषणाओं को धरातल पर उतारा जायेगा तथा सहकारिता हेतु 65 करोड की धनराशि अनुपूरक बजट में रखी जायेगी। उन्होनें कहा कि भारत सरकार ने हमसे विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया है, यदि भारत सरकार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा वापस करती है तो सभी गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि सहकारिता एक मिशन है, जिसे हमें प्रदेश में ओर आगे ले जाकर ग्रामीण भारत का विकास करना है। उन्होनें कहा कि राज्य भण्डारागार निगम की स्थापना कर दी गयी है व राज्य में सहकारी बुनकर समिति का भी गठन किया गया है साथ ही राज्य आवास विकास समिति का गठन भी गत वर्ष सरकार द्वारा कर दिया गया है। उन्होनें मुख्यमंत्री से राज्य आवास समिति हेतु धनराशि की भी मांग की है। साथ ही उन्होनें कहा कि सहकारिता सहभागिता योजना के अन्र्तगत बैंक द्वारा काश्तकारों एवं उद्यमियों को सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया गया, जिसकी 65 करोड की देनदारी लम्बित है। उन्होनंें 65 करोड की धनराशि की मांग मुख्यमंत्री से की। उन्होनंे कहा कि स्वयं सहायता समूहों को सहकारिता से जोडा जाये, ताकि स्व रोजगार के माध्यम से पलायन को रोका जा सके।
अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि0 संजीव आर्य ने सभी अतिथियों को स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए बैंक की कार्य प्रगति बतायी। उन्होनें बताया कि वर्तमान में बैंक की 260 शाखाएं व 813 मिनी बैंक कार्यरत है तथा 18 लाख से अधिक सदस्य सहकारी समितियों से जुडे हैं। उन्होने बताया कि गत वर्ष बैंक द्वारा 01 हजार करोड का कृषि ऋण वितरित किया गया था। इस वर्ष 1350 करोड ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होनंे बताया कि 380 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये हैं। बैंक को 60 करोड का मुनाफा भी हुआ है। उन्होनें बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 13 बैंक शाखाएं खोलने की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं, जिन्हें शीघ्र खोला जायेगा, तथा 260 गांव को गोद लेकर वहाँ का विकास व  समस्याओं के निदान की कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। उन्होनंें 13 तहसील मुख्यालयों में एटीएम की स्थापना की स्वीकृति के साथ ही राज्य सहकारी बैंको में 25 प्रतिशत सरकारी डिपोजिट कराने व 65 करोड देने की मांग मुख्यमंत्री से की।

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