देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को और सुदृढ करने तथा बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उद्देश्य से आज श्रम सेवायोजन,
दुग्ध विकास, खादी एवं ग्रामोद्योग, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मंत्री हरीश दुर्गापाल की अध्यक्षता में राजकीय महिला आई.टी.आई कार्यालय सभाकक्ष में समीक्षा बैठक ओयोजित की गयी।
बैठक में मा0 मंत्री द्वारा उत्तराखण्ड में संचालित हो रहे औद्योगिक संस्थानों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये है कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नये ट्रेड स्थापित करने है ताकि उत्तराखण्ड प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उत्तराखण्ड में विलुप्त हो रहे पारम्परिक शिल्पकलाओं के संवर्द्धन हेतु कार्य करना है इसके लिए कुमाऊ मण्डल में ताम्बे के बरतनों के उद्योग, एपण हेतु क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाये तथा उसी केन्द्र में बिक्री केन्द्र भी खोला जाय। उन्होने कहा कि गढवाल मण्डल में भी चीज मैकिंग के उत्पाद जिसमें गढवाल मण्डल के पांच जनपदों में प्रशिक्षण केन्द्र खोलकर बेरोजगार युवक एवं युवतियों, महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाय। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समीक्षा करें की प्रदेश में कितने बेरोजगार युवक, युवतियों तथा महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है जिनमें से कितने युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए है।माननीय मंत्री हरीश दुर्गापाल द्वारा उत्तराखण्ड में संचालित हो रहे औद्योगिक संस्थानों के सम्बन्ध में जानकारी चाही गयी तथा विभाग में उपलब्ध कराये गये बजट तथा विभाग स्वीकृत पदों के सापेक्ष रिक्त पदों की भी समीक्षा की गयी।
प्रमुख सचिव उत्तराखण्ड शासन ओम प्रकाश ने मा0 मंत्री को अवगत कराया है कि उत्तरखण्ड के 13 जनपदों के 95 ब्लाकों में 177 सरकारी आई.आई.टी.आई केन्द्र है, जिनमें 131 वर्तमान में संचालित हो रहे। ट्रैनिंग क्षमता 13963 अभ्यर्थी की है जिनमें एन.सी.वी.टी के तहत 4836 एवं एस.सी.वी.टी के तहत 3814, गैरसरकारी तथा अन्य केन्द्रों में 2768 छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें है। उन्होने कहा कि 6 केन्द्रों में 400 तथा उससे अधिक की क्षमता है, तथा 8 केन्द्रों में 200 से 400 तक की क्षमता, तथा 5 केन्द्रों में 150 से 200 तक की क्षमता है तथा 8 ऐसे केन्द्र है जिनमें 100 से 150 तथा 19 ऐसे केन्द्र है जिनमें 50 से 100 तक तथा 85 केन्द ऐसे है जिनमें लगभग 50 संख्या तक के छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।