देहरादून: उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच परिवहन करार पर 29 अक्तूबर को अंतिम मुहर लग जाएगी। लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में बसों के संचालन के समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर होंगे।
अभी दोनों प्रदेशों के परिवहन निगमों की बसों का संचालन बगैर किसी नीति निर्धारण के हो रहा है। प्रारंभिक एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद दोनों प्रदेशों ने एक-दूसरे को चिन्हित मार्गों को लेकर मसौदा भेजा था, जिन्हें आपत्तियों के निस्तारण के बाद परस्पर स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। अब एमओयू पर अंतिम मुहर लग जाने के बाद दोनों प्रदेश अपने स्तर पर अधिसूचना जारी करेंगे। अंतिम करार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में होगा।
दोनों प्रदेशों के बीच परिवहन करार को लेकर एक दर्जन बार कोशिश हो चुकी है। लेकिन कामयाबी मौजूदा सरकार में मिली। दोनों प्रदेशों में भाजपा शासित सरकारों ने परस्पर सहमति बनाई और आरंभिक करार पर हस्ताक्षर हो गए थे। अब करीब 10 माह बाद अब 29 अक्तूबर को लखनऊ में अंतिम करार पर हस्ताक्षर होंगे।
यूपी के बाद इन राज्यों से होगा करार
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मसौदे के मुताबिक, अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रतिदिन करीब दो लाख 40 हजार किलोमीटर चलेंगी। इसी तरह उत्तरप्रदेश की बसें उत्तराखंड की सीमा में प्रतिदिन करीब एक लाख 12 हजार किलोमीटर चलेंगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों जगह दोनों राज्यों की बसों की समय सारिणी भी उपलब्ध कराई जाएगी। हिमाचल और उत्तरप्रदेश से परिवहन करार के बाद प्रदेश सरकार चंडीगढ़, दिल्ली और जम्मू कश्मीर से करार करेगी। इसकी प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।
दोनों प्रदेशों के बीच परिवहन निगम की बसों के संचालन को लेकर प्रारंभिक करार होने के बाद ड्राफ्ट और उस पर आपत्तियों की प्रक्रिया पूरी की गई। अब 29 अक्तूबर को लखनऊ में अंतिम करार होगा और इसके बाद दोनों प्रदेशों में करार के अनुसार बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। इससे दोनों राज्यों के यात्रियों को लाभ मिलेगा।