देहरादून: मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने शहरी क्षेत्र विकास एवं निवेश कार्यक्रम के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में देहरादून के कंसलटेंट और सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। साथ ही पाइप लाइन बिछाने के कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए अधिशासी अभियंता को इंजीनियर इन चीफ कार्यालय से संबद्ध करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने गुरूवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास एवं निवेश कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने संबंधित टेकेदारों से भी वार्ता की। उन्होंने जानना चाहा कि और तेजी से कार्य कैसे हो सकता है। उन्होंने ठेकेदारों के भुगतान में विलम्ब करने पर भी घोर नाराजगी जताई। उन्होंने तीन दिन के अंदर लंबित भुगतान को क्लीयर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कार्य स्थल का मौके पर मुआयना करेंगे। किसी भी स्तर पर यदि कार्य में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
गौरतलब है कि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से प्रदेश के 31 कस्बों में पेयजल, स्वच्छता, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, शहरी सड़कों और निर्बल बस्ती सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2016 तक 2.9 मिलियन जनसंख्या तक बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है। इस परियोजना के तहत राज्य के चार चरणों में 2250 करोड़ रूपयें की धनराशि मिलेगी। पहले चरण में 387 करोड़ रूपये, दूसरे चरण में 643 करोड़ रूपये, तीसरे चरण में 688 करोड़ रूपये और चैथे चरण के लिए 522 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत है। पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में पेयजल आपूर्ति के कार्य तथा देहरादून में सीवरेज के कार्य किए जा रहे है। दूसरे चरण में देहरादून, नैनीताल, रूड़की, हल्द्वानी और रामनगर में पेयजल आपूर्ति तथा रूड़की में सीवरेज के कार्य किये जा रहे है।
सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल ने बताया कि पहले चरण के ज्यादातर कार्य पूर्ण हो गये है। देहरादून में बांदल से दिलाराम तक 12 किमी डब्लूटीपी, 14 पंप की स्थापना और 15 डीजी सेट और 68 एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लग गया है। हरिद्वार में 48 पम्प लग गये है। नैनीताल में 35 पंप लग गये है, 35 किमी तक राइजिंग मेन बिछा दिया गया है और 10 सीडब्लूआर पूर्ण हो गये है। दूसरे चरण में देहरादून में मैसी फाल से शहंशाही तक 02 किमी डब्लूटीपी और हल्द्वानी में 14 ओवरहेड टैंक बन गये है।