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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान बनी मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना को जुलाई, 2010 से शासन द्वारा संशोधित किया गया है, जिसके अन्तर्गत ग्रामोद्योगी इकाई स्थापना हेतु अधिकतम ऋण सीमा रू0 5.00 लाख से बढ़ाकर रू0 10 लाख की गई हैं

इसके अतिरिक्त आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग भूतपूर्व सैनिक एवं महिलाओं) को ऋण धनराशि पर 4 प्रतिशत ब्याज के स्थान पर ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जायेगा, जबकि सामान्य वर्ग के पुरूष लाभार्थियों को 4 प्रतिशत ब्याज देना होगा। योजनान्तर्गत प्रचार-प्रसार, जागरूकता कार्यक्रम तथा मूल्यांकन हेतु कुल स्वीकृत धनराशि का क्रमशः 1-1 प्रतिशत का प्राविधान किया गया है। योजनान्तर्गत अल्पसंख्यक वर्ग के लाभार्थियों को 20 प्रतिशत मात्राकृत करते हुए आच्छादित किया गया है। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में माह जनवरी, 2015 तक रू0 55.91 करोड़ के संस्थागत पूंजी निवेश से 1141 ग्रामोद्योगी इकाइयों की स्थापना करायी गयी जिसमें 22333 लाभार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही है।

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