देहरादून: प्रदेश में दैनिक वेतनभोगी,कार्यप्रभावित ,संविदा ,नियत वेतन,अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से कार्यरत कार्मिकों को नियमित किये जाने की दिशा में बनायी गयी नियमितिकारण नियमावली 2013 अनुसार प्रदेश में संविदा पर कार्य कर रहे 91 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सरकार ने 18 मार्च 2015 को जारी शासनादेश के तहत नियमित कर दिया है I
ये चिकित्सक वर्ष 2005 एवं 2007 से संविदा पर कार्य कर रहे थे और इन्हें पूर्व में भी तदर्थ नियुक्ति दी गयी थी,जिसे माननीय उच्चन्यायालय ने अवैध मानते हुए निरस्त कर दिया था और शासन को इन पदों को लोकसेवाआयोग के माध्यम से चयन किये जाने हेतु आदेश जारी किये थे I वर्ष 9 नवम्बर 2012 को लोकसेवा आयोग द्वारा विज्ञापित विज्ञापन के आधार पर 458 आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारीयों का चयन किया गया एवं उन्हें जुलाई 2013 को जारी शासनादेश के तहत आयुर्वेद चिकित्साधिकारीयों के पद पर नियुक्त कर दिया गया है I वर्ष 2005/2007 से तदर्थ/संविदा पर कार्य कर रहे आयुर्वेदिक चिकित्सकों को लोकसेवा द्वारा दस वर्षों की छूट प्रदान की गयी और अधिकाँश तदर्थ चिकित्सक लोकसेवा आयोग से चयनित हो गये I शेष बचे आयुर्वेदिक् चिकित्सक संविदा पर कार्य करते रहे I वर्ष 2013 में नियमितीकरण नियमावली बनायी गयी जिस आधार पर इन बचे हुए चिकित्सकों को नियमित करने का रास्ता साफ़ हुआ ,परन्तु उच्च न्यायालय ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगा दी,जिससे पुनः इन चिकित्सकों के नियमितिकरण का मामला अटक गयाथा I उक्त याचिका याचिकाकर्ता द्वारा वापस लिए जाने पर फिर इन चिकित्सकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ़ हुआ I लेकिन अभी भी इस नियुक्ति आदेश के न्यायालय में जाने की संभावना है क्यूंकि राजपत्रित अधिकारी श्रेणी के पदों को लोकसेवाआयोग के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान है जो इन चिकित्सकों की संविदा नियुक्ति की शर्त में उल्लिखित था I हाल ही में लोकसेवाआयोग ने न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में पुनः चयनित चिकित्साअधिकारियों की सूची शासन को भेज दी है ,अब बड़ा सवाल यह है कि लोकसेवा आयोग द्वारा हाल ही में जारी चयनित चिकित्सकों की सूची में चयनित चिकित्सकों को कहाँ नियुक्ति दी जायेगी I
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