देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नीति आयोग की सी.ई.ओ. श्रीमती सिन्धू श्री खुल्लर से दूरभाष पर वार्ता कर अर्द्धकुम्भ के लिये धनराशि आवंटन में शीघ्रता की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि यदि कुम्भ मेले के लिये धनराशि उपलब्ध हो जाय,
तो इससे संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास में भी तेजी आ सकेगी तथा अर्द्ध कुम्भ से पूर्व कार्य पूर्ण होने से इस अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी अपेक्षा की है कि आपदा के बाद चारधाम यात्रा मार्गों की मरम्मत के साथ ही इन क्षेत्रों के पुनर्निर्माण कार्यों के लिये उस दौरान केन्द्र सरकार बनाई गई उत्तराखण्ड सब कमेटी द्वारा 8 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति की सहमति दी गई थी। जिसमें से अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध होने का अंदेशा है। इस प्रकार शेष धनराशि की भरपाई करना राज्य सरकार के लिए कठिन होगा। राज्य सरकार द्वारा बाढ़ सुरक्षा व अन्य कार्यों के लिये 30 प्रतिशत धनराशि राज्यांश के रूप में व्यय की जा चुकी है। यदि धनराशि उपलब्ध नही हो पायी तो जो कार्य किये गये है, वह भी बरसात में पानी में बहने का अंदेशा है। नीति आयोग राज्यहित में शीघ्रता से कोई निर्णय ले, ताकि चारधाम यात्रा सहित आगामी मई में अर्द्धकुम्भ मेले में किये जाने वाले कार्य समय पर पूर्ण करने में राज्य सरकार को मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर अतिथि गृह में उत्तराखण्ड पी.एच.डी. चैम्बर आॅफ कामर्स के अध्यक्ष एच.सी.कोचर व रेजिडेंट डायरेक्टर अनिल तनेजा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बनाने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही सी.एस.आर. पाॅलिसी बनायी जायेगी, ताकि राज्यहित में औद्योगिक संस्थानों द्वारा इसमें दिये जाने वाले आर्थिक सहयोग का राज्यहित में बेहतर उपयोग हो सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत ने इको टूरिज्म ड्राफ्ट पाॅलिसी व डायरेक्टर सेलिंग इंडस्ट्री रेगुलेशन की गाइड लाइन पर भी कार्यवाही का आश्वासन दिया।
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