देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य अतिथि गृह बीजापुर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर कतिपय महत्वपूर्ण निर्णय लिय गए। इनमें से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश, महिला सशक्तिकरण के लिए रोजगार परक शिक्षा और चिन्ह्ति वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन करने की दिशा में ठोस पहल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार अनेक प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने के पक्ष में है। इनमें निःशुल्क भूमि, नियत अवधि हेतु बिजली एवं पानी को निःशुल्क रूप से उपलब्ध कराना इत्यादि शामिल है। उन्होंने कहा कि इस हेतु राज्य सरकार पीपीपी सिद्वांत पर एक नीति बनाकर योजना की रूप रेखा तैयार करने के पक्ष में हैं। राज्य सरकार की यह अपेक्षा है कि देहरादून, मसूरी एवं नैनीताल में स्थित विख्यात पब्लिक स्कूल उपरोक्त योजना में प्रतिभाग करे। साथ ही निजी क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल समूह, पर्वतीय क्षेत्र में नर्सिंग होम की स्थापना करेंगे। उपरोक्त सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य सरकार इन विद्यालयों में निर्धारित मानक तक राज्य सरकार के कार्मियों के बच्चों को प्रवेश प्रदान करेगी ताकि राज्य कर्मी दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में सेवा अर्पित करने में संकोच न करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इसी तरह से नर्सिंग के क्षेत्र में जहां शिक्षण संस्थाओं को खोला जायेगा। उन संस्थाओं में प्रवेश हेतु स्थानीय क्षेत्र (catchment area) के विद्यार्थियों को एक निर्धारित मात्रा तक आरक्षण प्रदान करने हेतु राज्य सरकार विचार कर रही हैं। शीघ्र इस विषय पर नीति बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित आईटीआई को महिला ड्राईविंग स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा, जहां पर आटोमोबाइल इंजीनियरिंग के प्रारम्भिक ज्ञान के साथ साथ ड्राईविंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है। इससे महिलाओं के क्षमता विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढेंगे। इसी क्रम में मैदानी क्षेत्र में दोनो मण्डलों में महिला एवं पुरूषों हेतु ड्राईविंग स्कूलों को विकसित किया जायेगा। यह पूर्ण प्रयास तकनीकि शिक्षा, क्षमता विकास एवं परिवहन विभाग के साथ समन्वय बनाकर किया जायेगा।
उन्हांेने कहा कि चिन्ह्ति वन ग्रामांे को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के विषय पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सम्पूर्ण प्रकरण का परीक्षण कर मा. उच्चतम न्यायालय से वांछित अनुमति प्राप्त करने का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। इस हेतु प्रारंभिक अभ्यास राजस्व विभाग द्वारा किया जायेगा एवं वन विभाग के सहयोग से सम्पूर्ण प्रस्ताव की रूप रेखा तैयार की जायेगी। चिन्ह्ति वन ग्रामों में अवस्थापना सुविधा प्रदान करने हेतु (यथा बिजली, शौचालयों का निर्माण इत्यादि) उत्पन्न होने वाले विधिक कठिनाइयों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति (जिसमें वन, राजस्व तथा अवस्थापना शाखा के विभागों तथा न्याय विभाग सहित) अध्ययन कर वांछित मार्ग दर्शन प्राप्त करने हेतु प्रकरण महाधिवक्ता को प्रस्तुत की जायेगी।
बैठक में मुख्य सचिव एन. रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, सचिव मुख्यमंत्री मो. शाहिद, महानिदेशक शिक्षा डी. सैंथिल पांडियन सहित शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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