हल्द्वानी/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बार एसोसिएशन आॅफ इण्डिया के तत्वाधान में वर्तमान समय में न्यायपालिका एवं न्याययिक कार्यो में चुनौतियां विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कानून हम सब जानते है। कानून की व्याख्या एवं विशलेषण एक बहुत ही कठिन काम है। उन्होंने कहा कि आज के बदलते दौर में आर्थिकी विकास एवं तीव्र संचार के चलते लोगो की आकांक्षाओं मंे वृद्धि हुयी है ऐसे में न्यायपालिका तथा विधायिका के सामने नई चुनौतिया प्रकट हुयी है। आज के दौर में हर कोई हर किसी को जज कर रहा है। मुख्यमंत्री के कार्यो को लोग जज कर रहे है। कर्मचारियों के कामों का मुल्यंाकरन एवं जजमैन्ट अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। परिवार के मुखिया द्वारा परिवार के सदस्यो का जजमैन्ट किया जा रहा है। यहां तक कि न्यायपालिका का भी लोग मुल्यांकन करते है। देश के नागरिको को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। कभी-कभी सरकारी कामो में भी न्यायपालिका मार्गदर्शन करती है। आम आदमी के हितों की रक्षा भी न्यायपालिका करती है।
श्री रावत ने कहा हमारे संविधान निर्माताओं ने न्यायपालिका के सिस्टम को ठीक करने, दुरूस्त करने और उसमे सुधार के अधिकार दिये है। न्यायधीश को निष्पक्ष न्याय देने की व्यवस्था की है। इसी व्यवस्था के तहत हमारी न्यायपालिका पूूरी तत्परता से कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य मंे लम्बित वादों की सख्या काफी न्यून है, जो कि शुभ संकेत है। न्यायपालिका द्वारा लोगो को जागरूक करने एवं उनको त्वरित न्याय दिलाने के लिए विधिक साक्षरता शिविर तथा लोक अदालतें आयोजित की जाती है, इससे साधारण व्यक्ति में विधिक साक्षरता बडी है। लोग अपने अधिकारांे और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हुये है। विधिक साक्षरता शिविरो के जरिये घरेलु महिला हिंसा के कानूनो की जानकारी आज महिलाओ को मिली है। जिससे महिला सजग व सशक्त हुयी है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है इस दो दिवसीय सेमिनार से जो निष्कर्ष आएगा उनका लाभ निश्चय ही जनमानस एवं अधिवक्ताओ को होगा।
सेमिनार में उच्च न्यायालय के न्यायमुर्ति बीके विष्ट, बार एसोसिएसन के इण्डिया के अध्यक्ष आरकेपी शंकरदास, एसोसिएट प्रसीडैन्ट केएन भट्ट, एक्सक्यूटिव वाइस पै्रसीडैन्ट प्रशान्त कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता बी शेखर, शेखर नैफेड, प्रिया हिंगोरानी, राकेश शर्मा, सोमियाजीत पानी, प्रदीप मणी त्रिपाठी, प्रभा नैथानी, बीबी आचार्या, श्रीजीत चैधरी, एएस रावत, बी सुनीता राव, आशा जी नायर,कार्तिके एच गुप्ता, प्रियंका माथुर, अंजली नौटियाल, सर्वेश कुमार गुप्ता, एलपी नैथानी, बीके शर्मा, आभा शर्मा, अजन्क्या एस दागोनकर, तरूण टिकुली, केए देवराजन के अलावा आयुक्त कुमायू अवेन्द्र सिह नयाल, जिलाधिकारी दीपक रावत, डीआईजी पुष्कर सिह सैलाल, एसएसपी डी सैथिल अबुदई, विधायक सरिता आर्य, मुख्यमंत्री के सलाहकार संजय चैधरी, रामसिह कैडा के अलावा बडी संख्या में अधिवक्ता गण मौजूद थे। संचालन बार एसोसिएशन इण्डिया की सेक्रेटरी रचना श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
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