बद्रीनाथ/देहरादून: शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत हैलीकाप्टर द्वारा देवदर्शनी हैलीपैड पहुंचे। जहां से वे पैदल बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से पहुॅच रहे श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनका स्वागत करने के साथ ही उनसे यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं पर उनकी राय ली, जिस पर श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्ग पर राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतुष्टि व्यक्त की गई। मुख्यमत्री श्री रावत ने बद्रीनाथ धाम के रास्तो, पेयजल, आवासीय, शौचालय, आदि मूलभूत व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में राज्य सरकार और भी अधिक सुविधाएं विकसित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश-विदेश में चला गया है, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए जुट रहे है। महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यो से आए अनेक श्रद्धालुओं से मुलाकात कर मुख्यमंत्री श्री रावत ने यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली साथ ही उनसे यात्रा के संबंध में किसी भी प्रकार की परेशानियों के बारे पूछा। इस अवसर पर अनेक श्रद्धालु वो भी थे, जो कि केदारनाथ के दर्शन के बाद बद्रीनाथ पहुंचे थे। जिन्होंने बताया कि वो सिर्फ केदारनाथ के दर्शन के लिए उत्तराखण्ड आये थे मगर उन्हें चार धाम की यात्रा करने के लिए मुख्यमंत्री श्री रावत ने आमंत्रित किया। जिस कारण वे बद्रीनाथ भी आये हैं। श्रद्धालुओं ने बताया कि केदारनाथ में भी व्यवस्थाएं अच्छी थी। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के साथ सीएम श्री रावत ने भी पूरे उत्साह के साथ बाबा बद्रीविशाल के जयकारे लगाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अब एसडीआरएफ की भूमिका और भी अधिक बढ़ाई जायेगी। उन्होंने एसडीआरएफ के आईजी संजय गुंज्याल को निर्देश दिए कि पांडृकेश्वर से लेकर बद्रीनाथ तक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पडे। । उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि द्यारा, खलियाटाॅप, दुधातौली और ग्वालीकांठा बुग्याल सहित कुछ अन्य बुग्यालों का निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि कैसे बुग्यालों को विकसित किया जाए इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। साथ ही छोटा कैलाश-दारमावैली-मुनस्यारी वैली-नीती वैली ट्रैकिंग मार्ग को कैसे विकसित किया जाए इसके लिए भी कार्ययोजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि वे हाई एल्टिट्यूड क्षेत्रों में इंजीनियरिंग कार्य करने वाली एक डेडिकेटेड टीम तैयार करेंगे। साथ ही कहा कि इस वर्ष के अंत तक विषम परिस्थितियों में काम करने के लिए एक हजार लोगो को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया कि बद्रीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर लगभग 15 हजार श्रद्धालुओ के पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने केदारनाथ धाम में विगत दिवस 24 अप्रैल 2015 को 2 लाख 88 हजार रुपये की दान राशि प्राप्त हुई है, जो कि अब तक केदारनाथ धाम में पहले दिन की रिकार्ड दान राशि है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हमारे लोग जैसे कि प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस व बीआरओं आदि काम में लगे हुए है, और केदारनाथ में जिस तरह श्रद्धालुओं में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है, वैसे ही बद्रीनाथ में भी देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ तक रास्ता थोडा चुनौतीपूर्ण है, वहां बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है, परन्तु मैं लोगो को पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूॅ, कि रास्तो के कारण यात्रा बाधित नही होगी। सम्पूर्ण रूप से यात्रा सुरक्षित होगी और मैंने अपने उच्चतम अधिकारियों को इस कार्य में लगा रखा है, भगवान की हम पर असीम कृपा है। यहां चारो ओर देख कर प्रतीत होता है, कि भगवान बदरी विशाल के दर्शन हो रहे है, वह अपने अनुठे स्वरूप के साथ यहां विद्यमान है।
इस अवसर विधान सभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै, विधायक राजेन्द्र भण्डारी, मयूख महर आदि मौजूद थे।