रामनगर/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीतावनी दशवां श्रद्धा पर्व समारोह में कहा कि भगवान वाल्मीकि ने मानवता को रास्ता दिखाया, साथ ही मानवता को सत्यता का पाठ भी पढाया। वाल्मीकि ने अपनी लेखनी का प्रयोग कर सीतावनी में रामायण ग्रन्थ की रचना की। वाल्मीकि के आदर्श एवं उनकी रचनाये आज के दौर में भी प्रासंगिक है।
जन समुदाय को सम्बोधित करते हुये श्री रावत ने कहा कि सीतावनी वो पवित्र स्थान है जहां मां सीता ने घोर तपस्या की थी, तथा लव एवं कुश को जन्म देकर संस्कारवान एवं शिक्षित बनाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि में जहां अनेक तीर्थ स्थान है। हमारा प्रयास है कि सीतावनी का यह क्षेत्र वाल्मीकि तीर्थ के रूप मे पहचाना जाए। उन्होंने कहा कि सीतावनी वन मंे भगवान वाल्मीकि का मन्दिर स्थापित करने तथा उसको पर्यटन एवं तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के लिए वन विकास विभाग कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि वाल्मीकि तीर्थ को जल्द ही धरातल पर उतारें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वच्छकार समाज के लिए सरकार द्वारा अनेको जनकल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किये गये है। उन्हांेने कहा कि जनसख्यां विस्तार के बाद भी स्वच्छकारो की संख्या में वृद्धि नही हो पायी है। उन्होंने कहा कि हम जनसंख्या के अनुपात को देखते हुये नगर निकायों में स्वच्छकारों की संख्या मंे वृद्धि करने की कार्यवाही कर रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को बनाये रखने के लिए 5 हजार की आबादी पर प्रत्येक ग्राम मंे एक स्वच्छक रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि जो स्वच्छक लम्बे समय से सरकारी आवासों मे रह रहे है। उनको स्थायी रूप से उनके नाम आबंटित करने के लिए समाज कल्याण सचिव को कार्य योजना बनाने के आदेश दे दिये है। उन्होंने कहा कि स्वच्छकारों के प्रतिभावान बच्चों की शिक्षा के लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है, तथा उनकी पढाई के लिए दो आवासीय विद्यालयों की स्थापना भी की जा रही है।
कार्यक्रम मंे प्रदेश सह प्रभारी एवं विधायक संजय कपूर, संसदीय सचिव सरिता आर्य, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयाग भट्ट, पूर्व सासंद महेन्द्र पाल, ब्लाक प्रमुख संजय नेगी, अध्यक्ष नगर पालिका मो0 अकरम, मिक्की कपूर, मारूति साह, विजय सूखीजा, खष्ब्टी विष्ट, परवेज अहमद के अलावा वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष भीम अनार्य, सुरेश दिवांकर, श्याम लाल, रामअवतार राजौर, अश्विन, रामकुमार, भरतपाल, अर्जुन अनार्य के अलावा जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी सैथिल अबुदई, एडीएम बीएल पीरमाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित मोहन रयाल,एडीएम एसएस जंगपागी के अलावा बडी संख्या में देश के विभिन्न प्रान्तों से आये वाल्मीकि समाज के लोग मौजूद थे।