दिल्ली/देहरादून: उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास तथा गंगा पुनरूद्वार मंत्री उमा भारती से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य मंे बाढ़ सुरक्षा सम्बधी मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र की ओर से राज्य को दी जाने वाली केंद्रीय अवशेष धनराशि शीघ्र उपलब्ध करायी जाय, ताकि बाढ़ सुरक्षा कार्य बरसात से पहले ही किये जा सके।
राज्य हित में केंद्र पोषित बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अतंर्गत केेंद्रांश की द्वितीय किश्त चालू वित्तीय वर्ष मंे ही अवमुक्त करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसएस-आर के अंतर्गत 532.27 करोड़ रुपये लागत की 52 योजनाएं है, जिनके लिए केन्द्रांश की द्वितीय किश्त अवमुक्त होनी है। जबकि जनपद उत्तरकाशी की 125.50 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाओं, एआईबीपी के अंतर्गत एमआई 26 ईआरएम की 02 एवं आरआरआर वाटर बाॅडीज की 05 अर्थात कुल 33 योजनाओं पर केद्रांश की प्रथम किश्त अवमुक्त की जानी है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने केंद्रीय मं़त्री का ध्यान किसाउ बांध परियोजना की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि हिमांचल-उत्तराखण्ड के बीच बन रहे किसांउ बांध में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र को पहल करनी होगी। इसके लिए केन्द्र के स्तर पर दोनों राज्यों के साथ शीघ्र ही एक बैठक आहूत की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के सहयोग से बनने वाली जामरानी बांध परियोजना भी अभी अधर मंे लटकी है, इसके लिए भी केन्द्र को कदम उठाने होंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि जल संसाधन नदी विकास तथा गंगा पुनरूद्वार मंत्रालय के स्तर पर जो भी प्रकरण लंबित है, उनका शीघ्र समाधान किया जायेगा।
बैठक में उत्तराखण्ड के अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा एवं अपर स्थानिक आयुक्त एस0डी0 शर्मा उपस्थित रहे।