17.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

यूसर्क द्वारा ‘‘इकोसिस्टम सर्विसेज एण्ड इन्नोवेटिव फाइनेन्सिंग मैकेनिज्म फार नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

उत्तराखंड

उत्तराखण्ड: उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा आज दिनांक 23 मार्च 2015 को ‘‘इकोसिस्टम सर्विसेज एण्ड इन्नोवेटिव फाइनेन्सिंग मैकेनिज्म फार नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट’’ विषय पर भारत सरकार के साईस एण्ड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एस.ई.आर.बी.) के वित्तीय सहयोग, जी0 बी0 पन्त इन्टीट्यूट आफ हिमालयन एन्वायरनमेन्ट एण्ड डेवलपमेन्ट, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा के तकनीकी सहयोग से जैवप्रौद्योगिकी विभाग, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय देहरादून के साथ संयुक्त रूप से ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय परिसर देहरादून में एक वृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उद्घाटन समारोह के मुख्य वक्ता उत्तराखण्ड सरकार के भूतपूर्व मुख्य सचिव व मुख्य सूचना आयुक्त डा0 आर0 एस0 टोलिया ने पारितंत्रिय सेवाओं पर कीनोट व्याख्यान देते हुऐ बताया कि उक्त विषय की उत्तराखण्ड एवं अन्य हिमालयी राज्यों में प्रासंगिकता एवं पारिस्थितिकी तन्त्र सेवायें, पिछड़े वर्ग, सीमान्त किसान व दुर्गम पहाड़ी स्थान में रहने वाली जनसंख्या के जीविकोपार्जन के लिये बहुत महत्वपूर्ण सेवायें है। हिमालय का पारिस्थितिकी तंत्र विश्व के बड़े भूभाग में पृथ्वी पर जलवायु का नियंत्रण करता है और साथ ही साथ अन्य भौतिक क्रियायें जैसे कि वनों में कार्बन शोषण, आक्सीजन को मुक्त करना, ऊर्जा एवं पानी के स्तर में संतुलन बनाना आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः इसके संरक्षण की अत्यधिक आवश्यकता है। डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया।
इससे पूर्व यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने अपने स्वागत भाषण में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों विषय विशेषज्ञों एवं उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त कार्यशाला की आवश्यकता पर बल दिया। स्वागत कार्यक्रम में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वी0 के0 तिवारी ने विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किये जा रहे मुख्य कार्यों पर प्रकाश डाला। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिकी विभाग के डीन प्रोफेसर एल0 एम0 एस0 पालनी द्वारा यूसर्क द्वारा आयोजित की जा रही कार्यशाला के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी प्रदान कर पारितंत्रीय सेवाओं के बारे में भी बताया। विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर आर0 सी0 जोशी ने भी उक्त कार्यशाला के आयोजन पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के चेयरमैन प्रोफेसर कमल घनशाला ने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों को सम्बोधित कर विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञान एवं पर्यावरण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उदघाटन समारोह का धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर आशीष थपलियाल द्वारा दिया गया।
कार्यशाला का प्रथम तकनीकी सत्र ‘‘इकोसिस्टम सर्विसेज ऐसेसिंग वैल्यू आफ नेचुरल रिसोर्सेज अन्डर चेन्जिंग क्लाइमेट’’ विषय पर आयोजित किया गया। इस प्रथम तकनीकी सत्र के चेयरमैन श्री जयराज, आई0 एफ0 एस0, एडीशनल पी0 सी0 सी0 एफ एवं स्टेट नोडल आफिसर फार क्लाइमेटचेन्ज थे। पहले तकनीकी सत्र का प्रथम व्याख्यान वन्यजीव संस्थान देहरादून की वैज्ञानिक डा0 रूचि बडोला द्वारा ‘‘मैथेडोलाजी फ्रेमवर्क टू ऐसेस द सर्विसेज प्रोवाइडेड वाइ माउन्टेन इकोसिस्टम’’ विषय पर दिया गया। इसी सत्र का द्वितीय व्याख्यान गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पन्तनगर की पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रोफेसर उमा मलकानिया द्वारा ‘‘इकोसिस्टम सर्विसेज एण्ड क्लाइमेट चेन्ज विद स्पेशल रेफरेन्स टू बायोडाइवर्सिटी कन्जर्वेशन’’ विषय पर दिया। प्रथम तकनीकी सत्र का अन्तिम व्याख्यान वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के डा0 मोहित गैरा, आई0जी0 एन0 एफ0 ए0 द्वारा ‘‘पेमेन्ट आफ इकोसिस्टम सर्विसेज एण्ड सम इनसाइट्स फ्राम कन्ट्रीज लाइक कोस्टारिका, वियतनाम एण्ड मैक्सिको’’ विषय पर दिया। सत्र के उपरान्त विषय विशषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान किया गया।
अपराहन में कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सत्र का आयोजन ‘‘इकोसिस्टम सर्विसेज एण्ड फोरेस्ट्स’’ विषय पर किया गया। द्वितीय तकनीकी सत्र के चैयरमैन, राज्य जैवप्रोद्यिगिकी बोर्ड के चेयरमैन डा0 राकेश शाह आई0 एफ0 एस0 थे। दूसरे सत्र का प्रथम व्याख्यान हे0न0ब0 गढ़वाल विश्वविद्यालय के डा0 राजीव पाण्डेय द्वारा ‘‘प्रोवीजनिंग सर्विसेज आफ फारेस्ट्सः फ्यूलवुड, फाॅडर एण्ड एसोशियेटेड कार्बन फ्लो’’ विषय पर दिया। इसी क्रम में एफ0 आर0 आई0 देहरादून के वैज्ञानिक डा0 वी0 आर0 एस0 रावत ने ‘‘नाॅन-कार्बन बेनिफिट्स आॅफ रेड प्लस’’ विषय पर दिया। सत्र का आखिरी व्याख्यान चिया नैनीताल के डा0 कुन्दन बिष्ट ने ‘‘कम्युनिटी पार्टिसिपेशन फार कार्बन स्टाॅक एस्टीमेशन आफ वन पंचायत इन कुमायूँ’’ विषय पर दिया। द्वितीय सत्र के उपरान्त विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श किया गया।
समापन समारोह के चेयरमैन डा0 राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक, यूकास्ट ने अपने व्याख्यान पर बोलते हुये कार्यशाला में आये प्रतिभागियों से पारितंत्रिय सेवाओं में जन भागीदारी की आवश्यकता बतायी। समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री दीपक कुमार सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उत्तराखण्ड शासन ने अपने सम्बोधन में पर्यावरण के संरक्षण पर कार्य करने को कहा। कार्यक्रम के गैस्ट आफ आनर ग्राफिक एरा विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय जसोला ने कार्यशाला के आयेजन पर प्रकाश डाला। कार्यशाला की संस्तुतियों को डा0 जी0 सी0 एस0 नेगी ने प्रस्तुत किया। उपस्थित विशेषज्ञों में डा0 सुभाष नौटियाल, डा0 लक्ष्मी रावत, डा0 अम्बरीश कुमार, डा0 जे0 एम0 एस0 तोमर, डा0 डी0 पी0 उनियाल, डा0 कीर्ति जोशी, डा0 महेन्द्र गुसाई, प्रो0 उमा पालनी, डा0 रीमा पंत, डा0 कुसुम अरूणाचलम ने कार्यशाला में व्यापक विचार विमर्श किया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला संयोजक डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। कार्यशाला का संचालन एवं कार्यक्रम में कार्यशाला के समन्वयक एवं यूसर्क के वैज्ञानिक डा0 भवतोष शर्मा, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल तथा ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय की डा0 मनु पन्त एवं प्रोफेसर आशीष थपलियाल द्वारा विशेष सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया। कार्यशाला में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के 102 प्रतिभागियों द्वारा सक्रिय प्रतिभाग किया गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More