देहरादून: इंजीनियरों के क्षमता विकास और उनके कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अत्याधुनिक तकनीक और प्रंबधन से परिचय करायेगी। इसके लिए पेट्रोलियम एवं उर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय से एमबीए (मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेश्न) का कोर्स कराया जायेगा। मुख्य सचिव एन.रवि शंकर की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में प्रस्तुतीकरण किया गया।
यूजीवीएनएल, यूपीसील, पिटकुल और उरेडा के इंजीनियरों को उर्जा प्रंबधन का अध्ययन कराया जायेगा। जल निगम, सिंचाई, लोनिवि, शहरी विकास, ग्रामीण अभिंयत्रण विभाग आदि अवस्थापना से जुड़े विभागांे के इंजीनियरों को अवस्थापना प्रंबधन में एमबीए में डिग्री दी जायेगी। राज्य सरकार में कार्यरत 25 इंजीनियरों का चयन उर्जा प्रंबधन और 25 इंजीनियरों का चयन अवस्थापना प्रबंधन कोर्स के लिए किया जायेगा। इंजीनियारों के चयन के लिए सचिव लोनिवि अमित नेगी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें इंजीनियरिंग विभागांे के विभागाध्यक्ष सदस्य होंगे। अनुभवी और अपने कार्य के प्रति समर्पित इंजीनियरों को वरीयता दी जायेगी।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि कोर्स के लिए चयनित इंजीनियरों को माह में केवल दो दिन शनिवार और रविवार को विश्वविद्यालय जाना होगा। दो दिन मे उन्हे महीने भर के लिए असाइनमेंट मिल जायेगा। साथ ही ई-लर्निंग के जरिये भी उन्हे पढ़ाया जायेगा। प्रत्येक लेक्चर की वीडियोग्राफी कर एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) पर डाला जायेगा। दो वर्ष के इस कोर्स में 4 समेस्टर होंगे। व्यय भार राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि तेजी से तकनीक मे विकास हो रहा है। प्रंबधन की नई-नई विधायें इजाद हुई है। इसलिए जरूरी है कि प्रशासनिक अधिकारियों की तरह इंजीनियरों को भी नई तकनीक और प्रंबधन से परिचय कराया जाय। इसी तरह से सामाजिक विभागों के अधिकारियों को भी उनके कार्य से सम्बंधित पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव लोनिवि अमित नेगी, अपर सचिव ग्राम्य विकास ज्योति नीरज खैरवाल, पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरूण डांग, डाॅ. श्री हरि सहित अन्य विशेषज्ञ मौजूद थे।