देहरादून: बाबा साहब डाक्टर भीमराव अंबेडकर किसी एक वर्ग विशेष के बारे में नहीं सोचते थे। विकास को लेकर उनकी सोच व्यापक थी। उन्होंने समाज के हर उस वर्ग के उत्थान की दिशा में काम किया जो समाज में उपेक्षित माने जाते थे। इसलिए आज उन्हें किसी जाति और वर्ग विशेष से नहीं जोडा जा सकता। यह बात आकाशवाणी केन्द्र के सहायक निदेशक विभूति भूषण भटट ने कही।हरिद्वार बाईपास रोड स्थित प्रसार भारती भवन में आज बाबा साहब डाक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मनाई गयी। इस अवसर पर केन्द्र के सहायक निदेशक श्री भट्ट ने कहा कि बाबा साहब के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए कई कार्य किये। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब के नाम पर राजनीति की जा रही है। हर दल बाबा साहब को अपने दल से जोड़ना चाहता है। समारोह में कार्यक्रम अधिकारी राजीव गुप्ता ने कहा कि बाबा साहब को केवल दलितों का मशीहा कहना गलत होगा। बाबा साहब ने समाज में महिलाओं को सम्मान और समान अधिकार दिये जाने की पुरजोर वकालत की हालांकि इसके लिए उनका विरोध भी हुआ। इस अवसर पर सभी लोगों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके बताये मार्ग पर चलने की शपथ ली।
कार्यक्रम में सहायक अभियंता डीसी शर्मा, रविकांत सत्यार्थी, अरूण सक्सेना, महेन्द्र सिंह सयाला, संतोष थपलियाल, संतोष फुलारा आदि मौजूद थे।
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