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उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 (यूपीसीएल) के प्रबन्ध निदेशक एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए

उत्तराखंड
देहरादून: बुधवार को उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग (आयोग) के अध्यक्ष सुभाष कुमार की अध्यक्षता में आयोग कार्यालय में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 (यूपीसीएल) के प्रबन्ध निदेशक एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई।

बैठक में आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं के मिश्रण एवं राज्य में उपलब्ध संसाधनों के दृष्टिगत यूपीसीएल में देश की अग्रणी विद्युत वितरण कम्पनी बनने की पूर्ण सम्भावनाएँ मौजूद हैं तथा यह फील्ड स्टाफ/अभियन्ताओं को तकनीकी एवं वितरण हानियों को कम किये जाने संबंधित कार्यों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाये जाने एवं उत्तरदायित्वों के प्रभावी अनुश्रवण द्वारा ही सम्भव है। बैठक में निर्णय लिये गये कि आयोग एवं यूपीसीएल के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई जायेगी जो दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश जाकर इन राज्यों मेें वितरण कम्पनियों द्वारा अपनाए जा रहे बवउउमतबपंस चमतवितउंदबम चंतंउमजमते के लक्ष्य एवं इमेज चतंबजपबमे का अध्ययन करेगी। टीम इन राज्यों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली पर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर यूपीसीएल द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों यथा बवउउमतबपंस चमतवितउंदबम सुधार में इनका क्रियान्वयन किया जायेगा। औसत तकनीकी एवं वाणिज्यिक (ए0टी0एण्ड0सी0) हानि के संबंध में प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा अवगत कराया गया कि ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूपीसीएल को वर्ष 2020-21 तक ए0टी0एण्ड सी0 हानि 13 प्रतिशत तक कम किये जाने का लक्ष्य दिया गया है तथापि यूपीसीएल द्वारा इस लक्ष्य को 2019 अर्थात दो वर्ष पूर्व ही प्राप्त कर लिये जाने की योजना बनायी गयी है। इस लक्ष्य को प्राप्त किये जाने हेतु प्रबन्ध निदेशक द्वारा विभिन्न उपायों यथा विद्युत चोरी वाले क्षेत्रों में बेयर कंडक्टर को ए0बी0 कंडक्टर द्वारा बदला जाना, खराब मीटरों की पहचान एवं उनके बदले जाने तथा विजिलेंस विंग द्वारा विद्युत चोरी/टैम्पर्ड मीटर्स के सम्बन्ध में किये जाने वाले नियमित छापे संबंधित कदम उठाए जाने की बात कही गयी। श्री कुमार ने प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल को निर्देशित किया गया कि वे इन उपायों के व्यवहारीकरण का व्यक्तिगत रूप से अनुश्रवण करेंगे, जिससे कि ऊर्जा हानि को नियंत्रित कर निर्धारित लक्ष्य तक पहंुचा जा सके। आयोग द्वारा यूपीसीएल कोे वर्तमान प्रोविजनल बिलिंग यथा- छ।ए छत्ए प्क्थ्ए ।क्थ्ए त्क्थ् के स्तर को मार्च 2016 तक 20ः से 3ः लाये जाने के हर सम्भव प्रयास किये जाने हेतु कहा गया। प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल द्वारा इस पर सहमति व्यक्त की गई तथा उनके द्वारा आश्वस्त किया गया कि निर्धारित अवधि तक प्रोविजनल बिलिंग स्तर 3ः तक किया जायेगा। आयोग द्वारा प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल को निर्देशित किया गया कि लक्ष्य निर्धारित समय में प्राप्त किये जाने के उद्देश्य से वितरण जोनों के सभी मुख्य अभियन्ता (वितरण) को उत्तरदायी बनाया जाय। आयोग द्वारा प्रबन्ध निदेशक को इन मुख्य अभियन्ताओं को अपने अधीनस्थ सर्किल/डिवीजन/सब-डिवीजन/कनिष्ठ अभियंता स्तर तक के कार्मिकों को लक्ष्य की प्राप्ति हेतु संबंधित कार्मिकों के जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने की प्रक्रिया बनाये जाने के लिए निर्देशित किये जाने हेतु कहा गया एवं यह भी निर्देशित किया गया कि कार्मिकों की इस जवाबदेही में लापरवाही पाये जाने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ-साथ वाािर्षक गोपनीय आख्या (।ब्त्) में प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने हेतु भी सक्षम स्तर को उत्तरदायी बनाया जाय। श्री कुमार द्वारा निर्देश दिये कि मण्डलों की समीक्षा के समय संबंधित जोनल मुख्य अभियन्ताओं (वितरण) द्वारा आयुक्त के समक्ष प्रोविजनल बिलिंग स्तर कम किये जाने एवं ए0टी0एण्ड0सी0 हानियों को कम किये जाने के उपायों विषयक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही जिले की समीक्षा बैठक में संबंधित जिलाधिकारी द्वारा उनके जिले के अन्तर्गत पडने वाले विद्युत खण्डों के प्रोविजनल बिलिंग स्तर कम किये जाने एवं ए0टी0एण्ड0सी0 हानियों को कम किये जाने के उपायों के संबंध में भी समीक्षा की जाय।
बैठक में विद्युत नियामक आयोग के सदस्य सी.एस. शर्मा, सदस्य,  सचिव नीरज सती, रजनीश माथुर, निदेशक (सी. एण्ड एल.), दीपक पाण्डे, निदेशक (वित्त), प्रभात डिमरी, निदेशक (तकनीकी) यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक एस.एस. यादव, जी0के0 शर्मा निदेशक (प्रोजेक्ट), एस0के0 टम्टा मुख्य अभियन्ता (वाणिज्यिक), गौरव शर्मा अधिशासी अभियन्ता, संजय मेहता सहायक लेखा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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