देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को बीेजापुर अतिथि गृह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व वहां पर सभी व्यवस्थाये दुरस्त कर दी गई है। बद्रीनाथ तक सडक मार्ग खोल दिया गया है लगभग 750 तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंच चुके है जबकि 1000 लोग शंकराचार्य की गद्दी एवं गाडू घडी तेल कलश यात्र के साथ चल रहे है। यात्रा के प्रति लोगो में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है।
चारधाम यात्रा पर उम्मीद से बढ़कर यात्री आ रहे है। यह यात्रा के लिये निश्चित रूप से शुभ संकेत है। उन्होने कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं के लिये जिलाधिकारियों के साथ ही सचिव स्तर के अधिकारियों को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रविवार को बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद अब हमारी प्राथमिकता व अगला लक्ष्य मानसरोवर यात्रा को संचालित कराने का है, जिसके लिये अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। हमारा प्रयास है कि केदारनाथ की व्यवस्थाओं की तुलना में इस यात्रा मार्ग को भी हम अधिक सुगम और सुरक्षित बना सके इसके लिये 5 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है। के.एम.वी.एन को भी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है। इस अंर्तराष्ट्रीय यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित कर इसे राज्य की बेहतरी के लिये बडे सौभाग्य के रूप में बदलने के लिये हमारा प्रयास है। शिव विवाह का यह परम्परागत पौराणिक मार्ग है, इस मार्ग को अच्छी प्रकार विकसित करना भी हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसके साथ ही छोटा कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा भी सब्सिडाइज्ड बेस पर चलाने की भी कार्य योजना तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यात्रा प्रारम्भ करने की योजना का प्रथम चरण पूरा हो गया है दूसरे चरण के कार्य 1 मई से प्रारम्भ किये जाने है। इसके अन्र्तगर्त वर्ष भर यात्रा संचालित करने के लिए यात्रा मार्गाे व स्थलों को और अधिक उपयोगी व सुविधा युक्त बनाया जायेगा। जागेश्वर व मदमहेश्वर को भी यात्रा से जोडा जायेगा। इन स्थलों पर भी अवस्थापना सुविधाओं को विकास किया जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 10 हजार यात्री केदारनाथ की यात्रा कर चुके है। जो उम्मीद से चार गुना ज्यादा है। केदारनाथ पुननिर्माण से हमारी प्रतिष्ठा जुडी हुई थी, केदारनाथ यात्रा उत्तराखण्ड की सामूहिक संकल्पशीलता की जीत है।
उन्होंने कहा कि केदारपुरी के दोनो ओर नदी से भूमि कटाव हो रहा है। उसके लिये सुरक्षा दीवार बनायी जानी है। चैराबाडी तक सुरक्षा दीवार का कार्य किया जाना है इसके अतिरिक्त रामबाड़ा से लिनचैली तक भी नदी से होने वाले भू कटाव के उपचार की व्यवस्था भी प्राथमिक्ता के आधार पर की जानी है। इसके लिये केन्द्र से आवश्यक मदद की दरकरार है। अपने संसाधनों से रामबाडा में स्मृति स्थल बनाने, छोटी-छोटी दुकाने बनाने के साथ ही गौरीकुण्ड व भीमबली में छोटे टाउन शिप विकसित करने का कार्य कर रहे है। पूर्व में केन्द्र स्तर पर गठित उत्तराखण्ड सब कमीटी द्वारा 8 हजार करोड का प्रस्ताव स्वीकार किया था। हमे उम्मीद है यह धनराशि राज्य को प्राप्त होगी। इसके आधुनिक तकनीकि के साथ केदारनाथ सहित अन्य यात्रा मार्गों पर वृहदस्तर पर होने वाले आवश्यक निर्माण कार्यों को गति मिल सकेगी। उन्होने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तराखण्ड एवं केदारनाथ भ्रमण को उपयोगी बताया। लोगो में उत्तराखण्ड आने के लिये उत्साह बढ़ाने का कार्य उनकी यात्रा से हुआ है। उन्होने कहा कि वे प्रधानमंत्री को भी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देंगे।