देहरादून: केन्द्र पोषित योजना रमसा के अंतर्गत आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखने के सम्बन्ध में शनिवार को शिक्षामंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी द्वारा विधान सभा भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय अधिकारियों एवं रमसा के प्रतिनिधिमण्डल के साथ बैठक की गई।
बैठक में शिक्षा मंत्री श्री नैथानी ने अपर मुख्य सचिव एस. राजू एवं महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा डी. सेंथिल पाण्डियन को रमसा के तहत कार्यरत कार्मिकों की सेवाओं को जारी रखने के विषय में वार्ता की गई।
बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि केन्द्र सरकार से इस योजना के लिए धन देने के सम्बन्ध में लिखित आग्रह किया गया था किन्तु केन्द्र सरकार द्वारा इस पर कोई गौर नहीं किया गया। इस पर शिक्षा मंत्री ने उपनल एवं आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से नियुक्त किये गये कार्मिकों को रमसा योजना के अंतर्गत पद पर बनाये रखने के सम्बन्ध में अधिकारियों कहा। बैठक में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि वित्त विभाग द्वारा इस पर अत्यधिक वित्तीय भार पड़ने की बात कही गई। अधिकारियों ने कार्मिकों द्वारा इस मसले को लेकर किये जा रहे आंदोलन को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह से पक्षकार नहीं है। चूंकि योजना केन्द्र पोषित है अतः इसके लिए वित्तीय भार राज्य सरकार पर डालना औचित्यहीन है। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेरोजगारों के साथ नाइंसाफी न हो इसके लिए समुचित कदम उठाए जायें। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से उनकी दूरभाष पर वार्ता हुई है, और गुरूवार 9 अप्रैल को इस सम्बन्ध में विस्तार से व्यापक चर्चा होगी। उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि इस बैठक के सार्थक परिणाम आयेंगे।
बैठक में अपर राज्य परियोजना निदेशक रमसा श्रीमती शशिबाला चैधरी एवं प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य उपस्थित थे।