देहरादून: भाजपा को प्रदेश में पश्चाताप अभियान चलाना चाहिए। केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के साथ जो उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया है, उसके लिए भाजपा को राज्य में अपना पाप धोने के लिए चारधाम यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
भाजपा को राष्ट्रपति और राज्यपाल से मिलकर वर्ष 2010 में आपदा के दौरान किये गये घोटाले की जांच की मांग करनी चाहिए। पूर्व राज्यपाल पर की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश व केन्द्र के नेताओं द्वारा वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव से पहले से ही राज्य सरकार को धमकाने वाले बयान दिये जा रहे थे और चुनाव के बाद इस प्रकार के धमकाने वाली बयानबाजी और बढ़ गई। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऊधमसिंहनगर में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में राज्य सरकार के विरूद्ध प्रस्ताव भी लाया गया और भाजपा नेताओं द्वारा यह भी चर्चा की गई कि यदि हरीश रावत मुख्यमंत्री बने रहे, तो वर्ष 2017 में भाजपा की वापसी मुश्किल है। इसलिए पूर्व राज्यपाल द्वारा दिये गये बयान और भी पुख्ता हो जाते है, कि भाजपा नेता राज्य सरकार के विरूद्ध साजिश रच रही थी। भाजपा नेताओं को इस बात पर भी स्पष्टीकरण देना चाहिए। श्री कुमार ने कहा कि चारधाम चात्रा मार्ग पर भाजपा नेता अवश्य जाय, केवल बयानबाजी तक न रखे। श्रीनंदादेवी राजजात यात्रा के समय जिस प्रकार से जन सैलाब उमड़ा था, उससे यह साबित हो जाता है कि यात्रा मार्ग खुले है। चारधाम यात्रा मार्ग पर विषय परिस्थितियों के बाद भी राज्य सरकार ने पुख्ता इंतजाम किये है। श्री कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस प्रकार से राज्य सरकार को मिलने वाली सहायता राशि में कटौती की है, उससे राज्य को बड़ा झटका लगा है। भाजपा नेताओं को प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के सदस्यों से मिलकर राज्यहित में कार्य करना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा अपने अथक प्रयासों से देश-विदेश के लोगों को फिर से राज्य में लाने का प्रयास कर रही है। वहीं भाजपा नेता राज्यवासियों के हितों की अनदेखी करते हुए चारधाम यात्रा के बारे में केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहे है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कहा था कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग कफन बांधकर आये। भाजपा नेताओं को पता होना चाहिए कि चारधाम यात्रा से प्रदेश के लाखों लोगो का रोजगार जुड़ा हुआ है। चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए भाजपा नेताओं को साथ आना चाहिए।